नई दिल्ली। खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कि सानों के गन्ने के भुगतान का बकाया बढ़ने पर पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकारों को किसानों के भुगतान के लिए चीनी मिलों को सख्त निर्देश जारी करना चाहिए तथा भुगतान न करने वाली मिलों के खिलाफ कार्रवाई करने पर विचार करना चाहिए। मिलों पर किसानों का बकाया बढ़कर लगभग 15,000 रुपये करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
पासवान ने इस मुद्दे पर सभी चीनी उत्पादक राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा है , "... सभी चीनी मिलों के लिए मौजूदा चीनी सत्र (2017-18) की बकाया राशि काफी बढ़ गई हैं। यह हम सभी के लिए गंभीर चिंता का मामला है। ’’ उन्होंने लिखा , " इसलिए , मैं इस मुद्दे पर आपके हस्तक्षेप की अपेक्षा करता हूं और चाहता हूं कि सभी चीनी मिलों को चीनी सत्र 2017-18 और पहले के वर्षों के भी गन्ना मूल्य बकाये का तुरंत भुगतान करने के संबंध में उन्हें सख्त निर्देश जारी किया जाये। जहां कहीं भी जरूरी हो आप उन चूक करने वाले चीनी मिलों के खिलाफ जरूरी कार्रवाई करने पर भी विचार कर सकते हैं। "
पासवान ने आंध्र प्रदेश , मध्य प्रदेश , बिहार , ओडिशा , छत्तीसगढ़ , पंजाब , गुजरात , पुदुचेरी , गोवा , तमिलनाडु , हरियाणा , तेलंगाना , कर्नाटक , उत्तर प्रदेश , महाराष्ट्र और उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों को यह पत्र लिखा है। चीनी मिलों पर सितंबर को समाप्त होने वाले चालू विपणन वर्ष में 21 मार्च तक गन्ना उत्पादकों का 13,899 करोड़ रुपये का बकाया था। संसद में पेश किये गये आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में चीनी मिलों पर गन्ने का सबसे अधिक 5,136 करोड़ रुपये का बकाया है जिसके बाद कर्नाटक में 2,539 करोड़ रुपये और महाराष्ट्र में मिलों पर 2,348 करोड़ रुपये का बकाया है।