नई दिल्ली। यात्री वाहनों की बिक्री का आंकड़ा इस वित्त वर्ष यानी 2016-17 में 30 लाख यूनिट के पार निकल जाने की उम्मीद है। नए मॉडलों तथा कॉम्पैक्ट एसयूवी की मांग बढ़ने तथा शहरी और ग्रामीण इलाकों में खर्च योग्य आमदनी में इजाफा होने से यात्री वाहनों की बिक्री में उल्लेखनीय बढ़ोतरी की उम्मीद है।
चालू वित्त वर्ष के पहले छह माह में यात्री वाहनों की बिक्री 12.34 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 14,94,039 यूनिट पर पहुंच चुकी है। बीते वित्त वर्ष की समान अवधि में घरेलू बाजार में 27,89,678 यात्री वाहन बिके थे।
वाहन मैन्युफैक्चरर्स के संगठन सियाम के महानिदेशक सुगातो सेन ने कहा,
चालू वित्त वर्ष में अभी जो स्थिति चल रही है, मेरा अनुमान है कि यात्री वाहनों की बिक्री 30 लाख इकाई को छू जाएगी। जैसी बिक्री अप्रैल-सितंबर में रही है यदि आगे भी ऐसी स्थिति बनी रहती है तो निश्चित रूप से हम इस आंकड़े पर पहुंच जाएंगे।
इसी तरह की राय जताते हुए प्राइस वॉटरहाउस के भागीदार अब्दुल मजीद ने कहा,
अनुकूल कारकों से भारत में यात्री वाहनों की बिक्री इस दिशा में अग्रसर है। हम 30 लाख के आंकड़े को पार कर जाएंगे। शहरी और ग्रामीण ग्राहकों के हाथों में अधिक नकदी प्रवाह जैसे सकारात्मक कारणों से यात्री वाहनों की मांग बढ़ेगी।
- उद्योग विश्लेषकों का मानना है कि कुल मिलाकर भारत इस साल जर्मनी को पछाड़कर चौथा सबसे बड़ा वाहन बाजार बन सकता है।
- पहले तीन स्थान पर चीन, अमेरिका और जापान है।
- वर्ष 2015 में चीन 2.1 करोड़ के साथ यात्री वाहन बाजार में पहले स्थान पर था।
- अमेरिका 75 लाख यूनिट के साथ दूसरे, जापान 40 लाख यूनिट के साथ तीसरे, जर्मनी 30 लाख यूनिट के साथ चौथे स्थान पर था।
- भारत इस सूची में 27 लाख वाहनों के साथ पांचवें स्थान पर था।