नई दिल्ली। रेलवे स्टेशनों पर कई जगह लिखा होता है ‘रेल हमारी सम्पत्ति’ है। लेकिन बहुत से यात्री इस पर शब्दश: अमल भी करते हैं। पश्चिम रेलवे द्वारा आंकड़ों पर नज़र डालें तो लोग लंबी दूरी की ट्रेनों से करीब 2 लाख तौलिए ही चुरा ले गए। वहीं लोगों ने कंबल, तकियों, चादरों और यहां तक कि पिलो कवर पर भी जमकर हाथ साफ किया है। आपको बता दें कि कंबल, तकिए आदि एसी कंपार्टमेंट में उच्च श्रेणी के यात्रियों को ही प्रदान किए जाते हैं। ध्यान देने वाली बात यह भी है कि यह आंकड़ा सिर्फ पश्चिम रेलवे का है। देश के अन्य 16 रेलवे जोन के आंकड़े तो इससे भी भयावह हो सकते हैं।
अंग्रेजी अखबार मुंबई मिरर के अनुसार पश्चिम रेलवे ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान चोरी गए सामानों की लिस्ट जारी की है। इसके तहत सामने आया है कि यात्रीगण 1,95,778 तौलिए चुरा कर ले गए। इसके अलावा 81,736 चादरें भी लोग अपने साथ घर ले गए। चोरी गए सामानों में 55,573 पिलो कवर भी शामिल हैं। यही नहीं रेलवे को 5,038 तकिए भी गायब मिले। चोरी गए कंबलों की संख्या 7,043 है। इसके अलावा टॉयलट में रखे गए 200 मग गायब मिले। इतना ही नहीं यात्री हर साल 1,000 टोंटियां और 300 फ्लश पाइप भी चुरा ले जाते हैं।
भारतीय रेलवे को पिछले तीन वित्तीय वर्षों में करीब 4000 करोड़ रुपए की आर्थिक क्षति पहुंची है। नुकसान का अंदाज़ा इसी से लगा सकते हैं कि रेलवे को बैडशीट 132 रुपए में, तौलिया 22 रुपए और तकिया 25 रुपए में पड़ता है। हालांकि चोरी गए चादरों और तकियों की कीमत तो रेलवे कोच अटेंडर से वसूलती है, लेकिन बाथरूम में चोरी गए सामान की चोट रेलवे पर ही पहुंचती है। उदाहरण के लिए हाल में शुरू हुई तेजस एक्सप्रेस में जेक्वार के महंगे बाथरूम फिटिंग दिए गए हैं। लेकिन लोग इसमें से बहुत से फिटिंग चुरा ले गए या फिर उन्हें सस्ते फिटिंग से बदल दिया गया।