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GST को लेकर मोटी सहमति बन चुकी: नायडू

GST विधेयक को लेकर मोटी सहमति बनने का दावा करते हुए वेंकैया नायडू ने कहा कि केंद्र इस विधेयक को संसद के मानसून सत्र में पारित कराने को लेकर बहुत गंभीर है।

Dharmender Chaudhary
Published : July 17, 2016 20:29 IST
वेंकैया नायडू ने GST पर सहमति बनने का किया दावा, कहा- मानसून सत्र में पारित कराने को लेकर गंभीर
वेंकैया नायडू ने GST पर सहमति बनने का किया दावा, कहा- मानसून सत्र में पारित कराने को लेकर गंभीर

कोयंबटूर। वस्तु व सेवा कर (GST) विधेयक को लेकर मोटी सहमति बनने का दावा करते हुए केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि केंद्र इस विधेयक को संसद के मानसून सत्र में पारित कराने को लेकर बहुत गंभीर है। पर इसके साथ ही नायडू ने इस कर की अधिकतम सीमा को संविधान संशोधन विधेयक में ही शामिल किए जाने की मांग को यह कहते हुए एक तरह से खारिज कर दिया कि यह व्यावहारिक नहीं है और इसकी सलाह नहीं दी जा सकती।

केंद्रीय शहरी विकास मंत्री ने कहा कि सरकार सभी सम्बद्ध दलों के साथ इस मामले को आगे बढा रही है और उसे इसके संसद के मानसून सत्र में पारित होने की उम्मीद है। संसद का मानसून सत्र कल शुरू होगा। नायडू साउथ इंडियन फिल्म चैंबर ऑफ कामर्स द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्हांने कहा, संसद में कल क्या होने जा रहा है इस पर समूचे देश की निगाह है। मोटी सहमति बनी है। फिर भी कुछ मुद्दे हैं जिन पर वित्त मंत्री ध्यान दे रहे हैं। जीएसटी समय की मांग है।

उल्लेखनीय है कि इस महत्वपूर्ण विधेयक पर कांग्रेस का समर्थन हासिल करने के लिए नायडू ने पिछले सप्ताह राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद से बात की थी। मंत्री ने कहा कि अगर जीएसटी कार्यान्वित होता है तो, कारोबारियों का उत्पीड़न कम होगा, बिचौलियों द्वारा शोषण घटेगा तथा भ्रष्टाचार भी कम होगा। उन्होंने कहा, इसलिए सरकार इस विधेयक को लेकर बहुत गंभीर है और हम सभी सम्बद्ध पक्षों के साथ इसे आगे बढा रहे हैं। मुझे भरोसा है कि संसद के आगामी सत्र में जीएसटी विधेयक पारित हो जाएगा। यह मेरी उम्मीद है।

इससे पहले कोयंबतूर में नायडू ने कहा कि कांग्रेस ने संविधान संशोधन विधेयक में ही जीएसटी की अधिकतम सीमा का उल्लेख करने की जो मांग की है वह व्यावहारिक नहीं है। हालांकि उन्होंने उम्मीद जतायी कि वस्तु एवं सेवा कर विधेयक संसद के कल से शुरू हो रहे मानसून सत्र में आम सहमति से पारित हो जाएगा। नायडू ने कहा, कुछ एक आपत्तियों के साथ जीएसटी विधेयक पर एक व्यापक आमसहमति है। एक विनिर्माण राज्य होने के नाते तमिलनाडु ने विधेयक का विरोध किया है। कांग्रेस संविधान संशोधन विधेयक में कर दर की सीमा चाहती है लेकिन यह व्यवहारिक नहीं है। जीएसटी विधेयक पिछले आठ साल से लंबित है।

नायडू ने कहा, आम सहमति से विधेयक पारित करना चाहते हैं और न कि बहुमत के जरिए। उन्होंने संसद के मानसून सत्र में विधेयक पारित होने की उम्मीद जताई। नायडू ने कहा कि विधेयक पर उस समय भी चर्चा हुई जब प्रणब मुखर्जी वित्त मंत्री थे और मंत्रालय में उनके उत्तराधिकारी पी चिदंबरम ने उसमें कुछ बदलाव किये। पांच राज्यों के वित्त मंत्रियों की समिति द्वारा इस पर विचार-विमर्श के बाद इसे आकार दिया गया। इंडिया इंटरनेशनल कयर फेयर के चौथे संस्करण में उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी चाहती है कि विधेयक पारित हो क्योंकि वे सशक्तिकरण चाहते हैं।

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