नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Covid-19) संक्रमण की नई लहर से देश में आंशिक रूप से लॉकडाउन (lockdown) लगाए जाने की आशंकाओं के बीच उद्योग जगत का मानना है कि ऐसा हुआ तो श्रमिकों और माल की आवाजाही प्रभावित होगी तथा इसका औद्योगिक उत्पादन पर बड़ा असर पड़ेगा। उद्योग मंडल सीआईआई (CII) की ओर से कंपनियों के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (CEO) के बीच कराए गए सर्वे के आधार पर सुझाव दिया गया है कि कोविड कर्फ्यू और प्रभावित जगहों पर सूक्ष्म-स्तरीय नियंत्रण की रणनीतियों के साथ-साथ संक्रमण से बचने के उपयुक्त व्यवहार (मास्क पहनना और दूरी बनाए रखना आदि) अपनाने की रणनीति संक्रमण पर काबू पाने में प्रभावकारी रहेगी। सीआईआई के सर्वे में शामिल ज्यादातर सीईओ ने यह संकेत दिया कि आंशिक रूप से लॉकडाउन लगाए जाने से श्रमिकों के साथ-साथ वस्तुओं की आवाजाही प्रभावित हो सकती है। इससे औद्योगिक उत्पादन पर उल्लेखनीय रूप से प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
सर्वे में शामिल सीईओ में से आधे से ज्यादा ने कहा है कि अगर आंशिक लॉकडाउन के दौरान मजदूरों के आने-जाने पर पाबंदी लगती है, उनका उत्पादन प्रभावित हो सकता है। इसमें कहा गया है कि इसी प्रकार, 56 प्रतिशत सीईओ ने कहा कि वस्तुओं की आवाजाही अगर प्रभावित होती है, तो उन्हें 50 प्रतिशत तक उत्पादन का नुकसान हो सकताा है।
सीआईआई के मनोनीत अध्यक्ष टीवी नरेन्द्रन ने कहा कि कोरोना की रोकथाम के लिए कड़ाई से स्वास्थ्य और सुरक्षा मानकों का पालन जरूरी है। साथ ही उद्योगों के कामकाज को सामाजिक रूप से एक जगह एकत्रित होने पर पाबंदी जैसे उपायों के दायरे में नहीं लाया जाना चाहिए। उद्योग मंडल के अनुसार पाबंदियों के प्रभाव को कम करने के लिए सर्वे में शामिल करीब 67 प्रतिशत सीईओ ने पात्र लोगों के टीकाकरण के लिए सरकार के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई है।
भारत कोविड संकट से उबरकर पूरे दमखम के साथ वापसी करेगा
परामर्श सेवाएं मुहैया कराने वाली कंपनी डेलॉयट के सीईओ पुनीत रंजन ने कहा कि भारत पूरे दमखम के साथ कोविड-19 संकट से उबरेगा और 21वीं सदी निश्चित रूप से भारत की सदी है। रंजन ने कहा कि भारत सरकार ने कोविड-19 महामारी से पैदा हुई चुनौतियों का सामना करने में अच्छा प्रदर्शन किया है। भारतीय मूल के अमेरिकी दिग्गज कारोबारी एक साक्षात्कार में कहा कि यह भारत की सदी है और मैं इसके बारे में आश्वस्त हूं।
उन्होंने कहा कि ‘मैं निश्चित रूप से अपनी (भारतीय) विरासत को देखते हुए थोड़ा पक्षपाती हूं, लेकिन मुझे सच में पूरा भरोसा है कि यह भारत की सदी है, क्योंकि भारत में बड़ी संख्या में प्रतिभावान नौजवान हैं, और यहां पिछले 75 वर्षों से लोकतांत्रिक परंपरा कायम है। रंजन ने कहा कि महामारी ने सभी को प्रभावित किया है, और भारत में सरकार ने जिस तरह से लॉकडाउन लागू किया तथा यहां की बड़ी आबादी को देखते हुए महामारी ने देश को बुरी तरह प्रभावित किया।
रोहतक में जन्मे भारतीय मूल के सीईओ, जो 2015 से डेलॉइट की कमान संभाल रहे हैं, ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की हालिया रिपोर्ट को उल्लेखनीय बताया, जिसमें भारत के लिए 12.5 प्रतिशत वृद्धि दर का अनुमान लगाया गया था। उन्होंने कहा कि कोई भी पक्के तौर पर नहीं कह सकता है, लेकिन मैं वास्तव में मानता हूं कि भारत इस महामारी से सबसे तेजी से उबरेगा। उन्होंने आगे कहा कि मुझे लगता है कि बहुत तेजी से भरपाई होगी।