नई दिल्ली। संसद की एक समिति ने सड़क सुरक्षा को मजबूत बनाने लिए मोटर वाहन अधिनियम लागू कराने वाले ट्रैफिक पुलिसकर्मियों तथा क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) कार्यालय के अधिकारियों को शरीर पर धारण किए जाने वाले वियरएबल कैमरों से लैस करने का सुझाव दिया है। समिति का मानना है कि इससे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा और प्रवर्तन एजेंसियों की मनमानी भी रोकी जा सकेगी।
राज्यसभा की 24 सदस्यीय प्रवर समिति ने मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2017 की समीक्षा के बाद इस कानून को बिना किसी संशोधन के लागू करने की सिफारिश की है। समिति की इस राय से केंद्रीय सड़क मंत्रालय के हाथ मजबूत होंगे। मंत्रालय इस विधेयक को जल्द से जल्द पारित कराना चाहता है।
समिति ने कहा कि यह विधेयक राज्यों के अधिकारों का कोई हरण नहीं करता है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह विधेयक संसद के मौजूदा सत्र में पारित हो जाएगा।
विनय पी सहस्रबुद्ध की अगुवाई वाली समिति ने वाहनों का डीलरों से पंजीकरण कराने की सिफारिश की है और आरटीओ पर वाहनों को पेश नहीं करने की सिफारिश की है। समिति का मानना है कि इससे आरटीओ और परिवहन क्षेत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।
समिति का मानना है कि मोटर वाहन अधिनियम को लागू करने वाले हर ट्रैफिक पुलिसकर्मी या आरटीओ अधिकारियों के पास शरीर पर पहनने वाले वियरएबल कैमरे होने चाहिए और अपराधों को डिजिटल रूप में संग्रहीत तथा नियंत्रण कक्ष में निगरानी की जानी चाहिए। यह प्रवर्तन अधिकारियों के भ्रष्टाचार और मनमानी को कम करने में मदद करेगा।