नयी दिल्ली। नकली नोटों के चलन को रोकने के लिए मोदी सरकार कड़े कदम उठाने की तैयारी में है। एक संसदीय समिति ने बुधवार को ऊंचे मूल्य के नकली नोटों के प्रसार को रोकने के लिए सरकार द्वारा उठाये गये कदमों पर विचार विमर्श किया। सूत्रों ने जानकारी देते हुए कहा कि कांग्रेस सदस्य टी सुब्रामी रेड्डी की अध्यक्षता वाली अधीनस्थ विधायी समिति ने देश में नकली मुद्रा के प्रसार के बारे में ताजा जानकारी देने के लिये वरिष्ठ सरकारी अधिकारी, सार्वजनिक क्षेत्र के कुछ बैंकों के प्रबंध निदेशकों और केन्द्रीय जांच ब्यूरो और खुफिया ब्यूरो के शीर्ष अधिकारियों को बुलाया था। समिति ने बैठक में 500 रुपए और 2,000 रुपए के उच्चमूल्य वर्ग के नकली नोटों को लेकर चिंता जाहिर की।
समिति ने यह जानना चाहा कि निहित स्वार्थी तत्व उच्च मूल्य वर्ग के नोटों में अंकित उच्च सुरक्षा मानकों की किस प्रकार से प्रति तैयार कर लेते हैं। रिजर्व बैंक की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार 2016 में जारी किये गए 500 रुपए के नये नोट में जाली नोटों की संख्या 2018-19 में पिछले साल के मुकाबले 121 प्रतिशत बढ़ गई जबकि 2,000 के नए नोट में नकली नोटों की संख्या में 22 प्रतिशत वृद्धि हुई।
एनआईए ने किया है ये बड़ा खुलासा
गौरतलब है कि नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी यानी एनआईए के मुताबिक भारत में बिल्कुल असली नोट की तरह जाली नोट फिर से आ गए हैं, जाली नोटों का मुख्य स्रोत पाकिस्तान है। पाकिस्तान बिल्कुल असली दिखने वाले नोट भारत के बाजारों में फैला रहा है। दिवाली से पहले भारतीय बाजारों में नकली नोटों की तादात कई गुना बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान भारतीय बाजार नकली 500 और 2000 रुपए के नोट सप्लाई कर रहा है।
आरबीआई ने भी माना बाजार में आ गए हैं नकली नोट
आपको बता दें कि हाल में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में बताया है कि बाजार में सबसे ज्यादा 500 रुपए के नकली नोट चल रहे हैं। वहीं 2000 रुपए के जाली नोटों में 21.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक 500 रुपए के नोट की जालसाजी में वित्त वर्ष 2018-19 में पिछले साल की तुलना में 121 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
आरबीआई की सालाना रिपोर्ट के अनुसार, 2018-19 के दौरान बैंकिंग सेक्टर में जब्त कुल फेक इंडियन करेंसी नोट में से 5.6 फीसदी की रिजर्व बैंक और 94.4 फीसदी की अन्य बैंकों ने पहचान की थी। रिजर्व बैंक नए नोटों को चरणबद्ध तीरके से पुराने नोटों की जगह लेने के लिए लाया था, उस वक्त यह दलील दी गई थी कि पुरानों नोटों की नकल करने का खतरा ज्यादा है। इसके तुरंत बाद नवंबर 2016 में नोटबंदी हुई थी।
रिजर्व बैंक ने नवंबर 2016 के बाद 500 और 2,000 रुपए के नये करेंसी नोट जारी किए थे। इन नोटों को सुरक्षा के लिहाज से अधिक सुरक्षित बताया गया था। सूत्रों के अनुसार बैठक में गृह सचिव, वित्त सचिव, रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर, खुफिया एजेंसियों के शीर्ष अधिकारी उपस्थित थे।