नई दिल्ली। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने अपनी कागजरहित पूछताछ प्रणाली का पहला दौर सफलता पूर्वक पूरा कर लिया है। बोर्ड अब और करदाताओं को इसके दायरे में लाकर जांच करना चाहता है और वह इस बारे में करदाताओं की सहमति लेने पर विचार कर रहा है। बोर्ड ने अपनी तरह की इस पहली प्रणाली के तहत 1000 से अधिक आयकर आकलनों की ऑनलाइन जांच की है। बोर्ड चाहता है कि और टैक्सपेयर्स ITR दाखिल करते समय इस योजना के प्रति अपनी सहमति दें।
बोर्ड ने पिछले साल इस योजना की शुरुआत प्रायोगिक तौर पर की थी। इसका उद्देश्य करदाताओं की कर कार्यालयों के फेरों को कम करना है। इस परियोजना के तहत दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, अहमदाबाद व चेन्नई मंडल के चुनींदा करदाताओं को ऑनलाइन कम्युनिकेशंस का पहला सैट भेजने का फैसला किया गया था। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार विभाग ने अब तक इन पांच शहरों में 1001 मामलों में आकलन की जांच पूरी कर ली है। विभाग ने कुल 6481 करदाताओं से संपर्क किया था जिनमें से 1819 ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस नयी परियोजना में बेहतर सफलता हासिल करने में सबसे बड़ी चुनौती करदाताओं की सहमति लेना है। आकलन अधिकारियों ने पाया कि अनेक मामलों में करदाताओं के व्यक्तिगत ईमेल आईडी उनके सीए या आधिकारिक प्रतिनिधि के पास थे। अधिकारी के अनुसार, अब यह विचार किया जा रहा है कि क्या आयकर विभाग आयकर रिटर्न (ITR) या जांच नोटिस पर ही एक फुटनोट प्रकाशित कर सकता है कि करदताता कागजरहित तरीके से ईमेल कार्रवाई में भाग लेने के लिए आमंत्रित हैं। अधिकारी ने कहा, परिणाम उत्साहजनक हैं और CBDT इसे आकलनों की जांच की संसथागत प्रणाली बनाना चाहता है। उन्होंने कहा कि इस योजना का दायरा बढाए जाने तथा नए फीचर के साथ इसी वित्त वर्ष में शुरू किए जाने की उम्मीद है।
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