नई दिल्ली| एयर इंडिया में विनिवेश को देख रहे मंत्रियों के शीर्ष समूह की शनिवार को बैठक होगी, जिसमें कर्ज के रिस्ट्रक्चर के साथ प्रक्रिया को आगे बढ़ाने पर विचार किया जाएगा। एयर इंडिया के लिए बोली लगाने की आखिरी ताऱीख 31 अक्टूबर को खत्म हो रही है। अनुमान है कि इसको बढ़ाने पर भी बैठक में ऐलान किया जा सकता है।
गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एआईएसएएम (एयर इंडिया स्पेसिफिक ऑल्टरनेटिव मैकेनिज्म) की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शनिवार को आयोजित की जाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल सहित अन्य इसमें भाग लेंगे। सूत्रों के अनुसार, दिसंबर तक प्रारंभिक बोली या 'एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट' (ईओआई) जमा करने की समय सीमा बढ़ा दी गई है, जिसका औपचारिक ऐलान इस बैठक के बाद किया जा सकता है। एक और महत्वपूर्ण बदलाव जो एआईएसएएम की मंजूरी के लिए रखा जा सकता है, वह सौदे के वित्तीय ढांचे के संबंध में होगा। अनुमान है कि एयरलाइन के कर्ज के संबंध में कुछ बदलाव किए जा सकते हैं। इसके साथ ही प्रक्रिया की प्रगति के बारे में भी बैठक में चर्चा की जाएगी। ये बैठक इसलिए अहम है क्योंकि अब तक निजी निवेशकों की तरफ से कोई खास रिस्पॉन्स नहीं मिला है। जनवरी में प्रक्रिया के ऐलान के बाद से इसके लिए बिड की अंतिम सीमा को 3 बार बढ़ाया जा चुका है।
एयर इंडिया 2007 के बाद से सरकारी स्वामित्व वाली घरेलू ऑपरेटर इंडियन एयरलाइंस लिमिटेड के साथ विलय के बाद से घाटे में चल रही है, और तब से केंद्रीय संसाधनों पर दबाव डालते हुए सरकारी बजटीय सहायता पर उड़ान भर रही है। सरकार के द्वारा बोली मंगाने से पहले जारी किए गए दस्तावेजों के मुताबिक एयर इंडिया पर 31 मार्च 2019 तक 60 हजार करोड़ रुपये का कर्ज था।