नयी दिल्ली। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत राजस्व प्राप्ति बढ़ाने सहित इसकी व्यापक रूप से समीक्षा कर जरूरी सुझाव देने को लेकर गठित एक उच्च स्तरीय समिति की पहली बैठक मंगलवार को होगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी। जीएसटी परिषद के विशेष सचिव राजीव रंजन ने कहा, 'समिति की पहली बैठक मंगलवार यानी 15 अक्टूबर को होगी।'
उन्होंने कहा कि समिति को रिपोर्ट सौंपने के लिये 15 दिन का समय दिया गया है। सरकार ने पिछले सप्ताह इस समिति का गठन किया है। समिति को जीएसटी के तहत राजस्व संग्रह बढ़ाने तथा कर चोरी रोकने के उपायों पर सुझाव देने का काम दिया गया है। जीएसटी की एक जुलाई 2017 को शुरुआत होने के बाद इसकी यह पहली व्यापक समीक्षा होगी।
बता दें कि सरकार ने जीएसटी संग्रह तथा इसके प्रशासन को दुरुस्त करने के उपायों पर सुझाव देने के लिये अधिकारियों की 12 सदस्यीय एक समिति गठित की है। समिति को राजस्व प्राप्ति में आ रही गिरावट को रोकने और राजस्व संग्रह बढ़ाने के बारे में आवश्यक उपायों के बारे में सुझाव देने को कहा गया है। समिति के गठन की शर्तों में जीएसटी का दुरुपयोग रोकने के उपायों तथा स्वैच्छिक अनुपालन में सुधार के कदमों समेत जीएसटी में संरचनात्मक बदलावों के बारे में सुझाव देना है। समिति को कर आधार बढ़ाने के उपायों के बारे में भी सुझाव देने की जिम्मेदारी दी गयी है।
आदेश में कहा गया कि कानून में नीतिगत उपायों तथा संबंधित बदलावों की जरूरत है। आंकड़ों के बेहतर विश्लेषण तथा बेहतर प्रशासनिक समन्वय के जरिये अनुपालन की बेहतर निगरानी तथा अपवंचना रोधी उपायों का सुझाव देना भी गठन की शर्तों में शामिल है। समिति के सदस्यों में महाराष्ट्र, तमिल नाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और पंजाब के जीएसटी आयुक्त, इसके अलावा केन्द्र सरकार से जीएसटी प्रधान आयुक्त और संयुक्त सचिव (राजस्व) सहित कुछ अन्य अधिकारी शामिल हैं। राज्यों से कहा गया है कि वह समिति में शामिल होने के साथ साथ लिखित में सुझाव भी दे सकते हैं। उल्लेखनीय है कि सितंबर में जीएसटी प्राप्ति घटकर 19 माह के निचले स्तर 91,916 करोड़ रुपए रह गई। यह जीएसटी प्राप्ति में लगातार दूसरी माह नरमी रही।