नई दिल्ली। कोविड-19 की दूसरी लहर से सामान्य जीवन बुरी तरह प्रभावित होने के बावजूद 2021 की पहली छमाही में विलय एवं अधिग्रहण सौदों में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिली। उद्योग की एक रिपोर्ट के अनुसार 2021 की पहली छमाही में विलय एवं अधिग्रहण सौदे 44 प्रतिशत बढ़कर 49.34 अरब डॉलर पर पहुंच गए। 2020 की पहली छमाही में यह आंकड़ा 34.3 अरब डॉलर रहा था। एलएसई समूह की इकाई रिफिनिटव के आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान विलय एवं अधिग्रहण सौदों की संख्या पांच प्रतिशत बढ़कर 730 पर पहुंच गई, जो एक साल पहले समान अवधि में 693 रही थी।
कुल सौदों में सीमापार विलय एवं अधिग्रहण का आंकड़ा 210 सौदों के साथ 21.73 अरब डॉलर रहा। पिछले साल समान अवधि में यह आंकड़ा 195 सौदों में 16.02 अरब डॉलर का रहा था। वैश्विक स्तर पर विलय एवं अधिग्रहण सौदों का आंकड़ा लगातार चौथी तिमाही में 1,000 अरब डॉलर के आंकड़े को पार कर गया। वैश्विक स्तर पर पहली छमाही में विलय एवं अधिग्रहण सौदे रिकॉर्ड 132 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 2,800 अरब डॉलर पर पहुंच गए। इनमें से 10 अरब डॉलर के सौदों में 94 प्रतिशत तथा एक से पांच अरब डॉलर के सौदों में 100 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई। अमेरिका के विलय एवं अधिग्रहण सौदे पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 264 प्रतिशत बढ़कर 1,400 अरब डॉलर पर पहुंच गए। यूरोपीय सौदे 33 प्रतिशत बढ़कर 556 अरब डॉलर और एशिया प्रशांत के 83 प्रतिशत बढ़कर 551.6 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गए।
इससे पहले जारी हुए आंकड़ों के मुताबिक एक जनवरी से 31 मार्च की अवधि में 97 सौदों में 17.4 प्रतिशत बढ़कर 25.3 अरब डालर हो गये थे। वहीं अप्रैल माह में ही सात अरब डालर के सौदे हुये हैं। रिफिनिटिव के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष की पहली तिमाही में सौदों की संख्या की यदि बात की जाये तो यह 20.5 प्रतिशत घटकर 122 से 97 सौदे रह गई। औषधि, प्रौद्योगिकी, रियल एस्टेट, उपभोक्ता और ऊर्जा क्षेत्र में मार्च तिमाही के दौरान गतिविधियां तेज रही।
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