नई दिल्ली। देश की तीन-चौथाई यानी 66 प्रतिशत से अधिक छोटी कंपनियों की सेहत पर कोविड-19 महामारी का प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। सबसे अधिक विनिर्माण क्षेत्र की छोटी कंपनियां प्रभावित हुई हैं। एक सर्वे में यह तथ्य सामने आया है। डाटा कंपनी डन एंड ब्रैडस्ट्रीट के सर्वे के अनुसार महामारी के वर्ष में 82 प्रतिशत छोटी कंपनियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। यह सर्वे 100 से 250 करोड़ रुपये कारोबार वाली 250 कंपनियों के बीच किया गया। इनमें विनिर्माण और सेवा उद्योग की कंपनियां शामिल हैं। सर्वे में शामिल 70 प्रतिशत कंपनियों ने कहा कि उन्हें कोविड-19 पूर्व के मांग के स्तर पर पहुंचने के लिए करीब एक साल लगेगा। पिछले एक साल के दौरान भारत महामारी से सबसे बुरी तरह प्रभावित देश के रूप में उभरा है। संक्रमण के मामले बढ़ने के साथ देश के विभिन्न राज्यों में लॉकडाउन भी बढ़ रहा है। इसका आर्थिक मोर्चे पर असर पड़ा है और आमदनी घटने के साथ मांग गायब हो गई है।
यह सर्वे सात बड़े शहरों की कंपनियों के बीच किया गया। सर्वे में शामिल 60 प्रतिशत कंपनियों ने सरकार की ओर से और समर्थन की उम्मीद जताई। सर्वे में शामिल 42 प्रतिशत कंपनियों ने बाजार पहुंच को लेकर चिंता जताई। 37 प्रतिशत ने कुल उत्पादकता में सुधार और 34 प्रतिशत ने वित्त को लेकर दिक्कत जताई। सर्वे में शामिल 59 प्रतिशत कंपनियों ने कहा कि महामारी के बाद पुनरुद्धार को उनके लिए ऋण सुविधा प्रमुख प्राथमिकता रहेगी। इसके अलावा 48 प्रतिशत कंपनियों ने विपणन समर्थन और 35 प्रतिशत ने प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में समर्थन की जरूरत बताई।
भारत इस समय कोरोना वायरस की भयानक दूसरी लहर के दौर से गुजर रहा है। स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में देशभर में 3,14,835 नये कोरोना वायरस संक्रमण के मामले सामने आये हैं। किसी एक दिन में संक्रमितों की यह अब तक की सबसे बड़ी संख्या है। इन्हें मिलाकर देश में कुल संक्रमितों का आंकड़ा 1,59,30,965 तक पहुंच गया है। इस दौरान 2,104 लोगों की इस वायरस संक्रमण से मौत हुई। इसके साथ मरने इस संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा भी 1,84,657 तक पहुंच गया है।