Thursday, November 07, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. 2 लाख रुपए से अधिक के लेनदेन पर पैन कार्ड अनिवार्य करने से ज्‍वेलर्स होंगे प्रभावित, विरोध हुआ शुरू

2 लाख रुपए से अधिक के लेनदेन पर पैन कार्ड अनिवार्य करने से ज्‍वेलर्स होंगे प्रभावित, विरोध हुआ शुरू

दो लाख रुपए से अधिक के लेन-देन पर पैन कार्ड अनिवार्य करने के फैसले का विरोध करते हुए जीजेएफ ने कहा कि इस कदम का उनके कारोबार पर बहुत प्रतिकूल असर होगा।

Edited by: Abhishek Shrivastava
Updated on: May 11, 2018 17:32 IST
PAN- India TV Paisa

PAN

नई दिल्‍ली। आभूषण निर्माताओं के संगठन जेम्‍स एंड ज्‍वेलरी ट्रेड फेडरेशन (जीजेएफ) ने दो लाख रुपए से अधिक के लेन-देन पर पैन कार्ड अनिवार्य करने के सरकार के फैसले का विरोध करते हुए कहा है कि इस कदम का उनके कारोबार पर बहुत प्रतिकूल असर होगा। जीजेएफ ने यह सीमा बढ़ाकर 10 लाख रुपए करने की मांग की है।

पैन कार्ड के लिए ऐसे करें आवेदन-

How to apply pan card online

pan-1Pan Card

pan-2Pan Card

pan-3Pan Card

pan-4Pan Card

pan-5Pan Card

pan-6Pan Card

pan-7Pan Card

pan-8Pan Card

जेम्स एंड ज्‍वेलरी ट्रेड फेडरेशन (जीजेएफ) के चेयरमैन जीवी श्रीधर ने कहा कि पैन की अनिवार्यता से विशेषकर ग्रामीण भारत में आभूषण बिक्री प्रभावित होगी और इससे असंगठित बाजार के साथ-साथ सोने की तस्करी में तीव्र बढ़ोत्‍तरी होगी। इसके साथ ही फेडरेशन ने काले धन पर काबू पाने के लिए इस कदम को अव्यावहारिक करार दिया है। इसके अनुसार 10 महानगरों में भी बिक्री में 50 फीसदी की गिरावट आने की आशंका है। उन्होंने कहा कि अगर दो लाख रुपए से अधिक के नकदी लेन-देन के लिए पैन कार्ड बताना एक जनवरी से अनिवार्य किया जाता है तो आभूषण उदयोग ढह जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने आशंका जताई कि सरकार के इस कदम से संगठित आभूषण बाजार की भागीदारी कम होगी।

नीतिगत सुधारों में सुस्ती अब प्रत्यक्ष : पीएचडी चैंबर 

वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) जैसे महत्वपूर्ण आर्थिक विधेयक संसद में अटके होने के बीच उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ने कहा कि पिछले कुछ महीनों के दौरान नीतिगत सुधारों को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया धीमी पड़ी है, जिसका देश की अर्थव्यवस्था पर दीर्घकालिक असर होगा।  देश के 110 साल पुराने उद्योग मंडल के नवनियुक्त अध्यक्ष महेश गुप्ता ने कहा कि हां, मेरा मानना है कि संसद के पिछले दो सत्र से जब से विधेयक पारित नहीं हुए हैं तब से सुधार प्रक्रिया में सुस्ती आई है। इस बारे में दो राय नहीं हो सकती। इसका असर भी दीर्घकालिक होगा। सरकार को इस पर विचार करना चाहिए और ढांचागत क्षेत्र को बढ़ावा देने के वास्ते विभिन्न क्षेत्रों को आगे बढ़ाना चाहिए।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement