नई दिल्ली। बजट में कर आधार बढ़ाने के लिए प्रस्ताव किया गया है। इसके तहत उन सभी इकाइयों को पैन का जिक्र करना अनिवार्य होगा जो 2.5 लाख रुपए या उससे अधिक के वित्तीय लेन-देन करते हैं। यह किसी भी वित्त वर्ष के दौरान किए गए लेन-देन पर लागू होगा। वित्त विधेयक 2018 के ज्ञापन में कहा गया है कि दस अंकों वाला स्थायी खाता संख्या (पैन) का उपयोग विशिष्ट पहचान संख्या के रूप में किया जाएगा। यह व्यक्तिगत आधार पर नहीं है।
इसमें कहा गया है कि बिना व्यक्तिगत रूप से जो भी व्यक्ति किसी वित्त वर्ष में 2.50 लाख रुपए या उससे अधिक के वित्तीय लेन-देन करते हैं, उन्हें पैन के आवंटन के लिए आकलन अधिकारी के पास आवेदन करने की जरूरत होगी।
इसके अलावा, वास्तविक व्यक्ति से वित्तीय सौदे को जोड़ने के तहत वित्त विधेयक में यह भी प्रस्ताव किया गया है कि प्रबंध निदेशक, निदेशक, भागीदार, न्यासी, मुख्य कार्यपालक अधिकारी, संस्थापक या कोई भी व्यक्ति जो ऐसी इकाइयों की तरफ से सौदा करता है, उसे भी पैन के आवंटन के लिए आकलन अधिकारी के पास आवेदन करना होगा।