नई दिल्ली। देश का पाम ऑयल का आयात मई महीने में 27.54 फीसदी घटकर 6,57,454 टन रहा। गर्मियों में मांग कम होने तथा अत्यधिक भंडार से आयात में कमी आई। उद्योग संगठन सोलवेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने यह जानकारी दी। दुनिया का प्रमुख खाद्य तेल आयातक भारत ने पिछले साल मई में 9,07,347 टन पाम ऑयल का आयात किया था।
देश के कुल खाद्य तेल आयात में पाम ऑयल की हिस्सेदारी 65 फीसदी से अधिक है। पिछले कुछ महीनों में सस्ते आरबीडी पामोलीन के आयात में तीव्र वृद्धि हुई है। हालांकि पिछले महीने आरबीडी पामोलीन समेत अन्य खाद्य तेलों की विदेशों में खरीद में कमी आई जिसका कारण बंदरगाह पर अधिक भंडार का होना तथा गर्मियों के कारण मांग में कमी है।
एसईए सस्ते आरबीडी पामोलीन के बढ़ते आयात को लेकर चिंता जताता रहा है। उसने कहा, इस स्थिति के कारण घरेलू रिफाइनिंग उद्योग को क्षमता के पूरा उपयोग नहीं करने को लेकर गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है और वह बंद होने के कगार पर पहुंच गया है। रिफाइंड पाम ऑयल का आयात सस्ता है क्योंकि इंडोनेशिया द्वारा, जो निर्यात कर लगाया जाता है वह सीपीओ की तुलना में कम है। पाम ऑयल उत्पादों में आरबीडी पामोलीन का आयात मई में पांच फीसदी घटकर 2,61,159 टन रहा, जो एक वर्ष पूर्व इसी अवधि में 2,75,150 टन था।
वहीं सीपीओ का आयात 37.23 प्रतिशत घटकर 3,91,796 टन रहा जो एक वर्ष पूर्व इसी महीने में 6,24,201 टन था। वहीं कच्चा पाम केरनेल ऑयल (सीपीकेओ) का आयात 44 प्रतिशत घटकर आलोच्य महीने में 4,499 टन रहा जो एक वर्ष पूर्व इसी महीने में 7,996 टन था। सोयाबीन तेल का आयात आलोच्य महीने में घटकर 178,064 टन रहा जो पिछले साल इसी महीने में 2,89,266 टन था। वहीं सूरजमुखी तथा रेपसीड ऑयल का आयात मई महीने में क्रमश: 1,50,449 टन तथा 18,718 टन रहा। देश का कुल खाद्य तेल आयात 25 प्रतिशत घटकर 10.24 लाख टन रहा जो इससे पूर्व वर्ष के इसी महीने में 13.71 लाख टन था।
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