इस्लामाबाद। रविवार को तालिबान द्वारा काबुल पर कब्जा जमाने के बाद से पाकिस्तान का अफगानिस्तर के साथ होने वाला द्विपक्षीय व्यापार कई गुना बढ़ गया है। पश्चिमी बॉर्डर पर कार्गो व्हीकल और पैदल यातायात में भारी वृद्धि दर्ज की गई है। जुलाई के दूसरे सप्ताह में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार घटकर अपने सबसे निचले स्तर पर आ गया था। उस समय तालिबान ने बलूचिस्तान में चमन बॉर्डर पर अफगान जिले को अपने कब्जे में ले लिया था।
द डॉन अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के कस्टम विभाग द्वारा एकत्रित आंकड़ों के मुताबिक अगस्त 15 को अफगानिस्तान के साथ द्विपक्षीय व्यापार घटकर अपने ऐतिहासिक निचले स्तर पर आ गया था। उस दिन केवल 475 ट्रकों ने तोरखम, चमन, खरलाची और गुलाम खान बॉर्डर से आवाजाही की थी।
15 अगस्त को तालिबान ने काबुल पर कब्जा जमाया था और अफगानिस्तान पर अपनी जीत की घोषणा की थी। तालिबान के प्रवक्ता जबिहुल्ला मुजाहिद ने अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि तालिबान अपने पड़ोसी देशों के साथ व्यापार चालू रखेगा। उसने कहा था कि व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
17 अगस्त को बॉर्डर पर ट्रकों के आवाजाही की संख्या बढ़कर 1123 हो गई। एक वरिष्ठ कस्टम अधिकारी ने बताया कि मुहर्रम के बाद ट्रकों की संख्या में और इजाफा होने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि पिछले एक-दो दिनों में कार्गो/ट्रक की आवाजाही में बहुत अधिक वृद्धि हुई है।
ट्रक ड्राइवर्स के मुताबिक कार्गो मूवमेंट में मंदी के पीछे की एक वजह अफगान बॉर्डर पर तैनान अफगान पुलिस और ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री के अधिकारियों द्वारा ड्राइवर्स से पाकिस्तान वापस लौटने के लिए 10 हजार से 25 हजार अफगानी मुद्रा की मांग करना था। तालिबान के आने के बाद ऐसी कोई मांग अब नहीं की जा रही है।
पिछले हफ्ते, अफगानिस्तान दूतावास के अधिकारियों ने बताया था कि 2000 से ज्यादा खाली वाहन/कंटेनर्स अफगानिस्तान में फंसे हुए हैं। कस्टम डाटा के मुताबिक, 15 अगस्त को तोरखाम कस्टम स्टेशन से 13 और चमन बॉर्डर से 68 खाली ट्रक वापस लौटे, जबकि खारलाजी और गुलाम खान बॉर्डर से एक भी ट्रक पाकिस्तान में वापस नहीं आया। 17 अगस्त को, 86 खाल वाहन तोरखाम बॉर्डर और 16 खाली वाहन चमन बॉर्डर से वापस लौटे, जबकि खारलाची और गुलाम खान स्टेशन से एक भी वाहन वापस नहीं आया।