इस्लामाबाद। नगदी-संकट से जूझ रही पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था, जो कोरोना वायरस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुई, अब पटरी पर लौट आई है और चालू वित्त वर्ष में इसमें 15 से 2.5 प्रतिशत की वृद्धि आने की संभावना है। देश के केंद्रीय बैंक ने अपनी एक रिपोर्ट में यह बात कही है। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट को जारी करते हुए स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था में सुधार आना शुरू हो गया है और यह कोवडि-19 के पहले के स्तर पर पहुंच गई है।
पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक का अनुमान है कि कोविड-19 से प्रभावित राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में अब सुधार आ चुका है और यह चालू वित्त वर्ष के दौरान 1.5 से 2.5 प्रतिशत की वृद्धि करेगी। अन्य देशों की तरह, पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था भी कोरोना वायरस की वजह से बहुत अधिक प्रभावित हुई है। यहां कोरोना वायरस से अबतक 7,248 लोगों की मौत हुई है और 365,927 लोग संक्रमित हुए हैं।
पाकिस्तान पहले से ही गहरे वित्तीय संकट में है और वह अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष से वित्तीय सहायता के लिए बातचीत कर रहा है। चीन सहित अपने कई पड़ोसी मित्र राष्ट्रों से भी पाकिस्तान को वित्तीय मदद मिली है। सितंबर में केंद्रीय बैंक ने अनुमान जताया था कि सकल घरेलू उत्पार (जीडीपी) वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 2 प्रतिशत के आसपास रहेगी।
पाकिस्तान में वित्त वर्ष 1 जुलाई से 30 जून तक होता है। सरकार ने भी चालू वित्त वर्ष के दौरान 2.1 प्रतिशत जीडीपी वृद्धि का लक्ष्य तय किया है। पिछले वित्त वर्ष में पाकिस्तान की जीडीपी में 0.4 प्रतिशत की गिरावट आई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार द्वारा हाउसिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर को मदद देने से अर्थव्यवस्थाा में आंशिक सुधार आया है। इस वजह से पेंट्स और वुड वर्क्स सहित लगभग 40 संबंधित उद्योगों में भी कारोबारी गतिविधियां बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।
केंद्रीय बैंक के अनुसार देश में लक्षित कर राजस्व एकत्रित करना अभी भी एक चुनौती है। अर्थव्यवस्था में सुधार का नेतृत्व कृषि क्षेत्र के अच्छे प्रदर्शन और सर्विस सेक्टर में रिकवरी द्वारा किया जा रहा है। औद्योगिक प्रदर्शन में भी धीमी रिकवरी आने की उम्मीद है।