इस्लामाबाद। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ 6 अरब डॉलर के राहत पैकेज पर शुरुआती सहमति बनने के चार दिन बाद पाकिस्तान की मुद्रा रुपया डॉलर के मुकाबले अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर आ गई है। निवेशकों का अनुमान है कि अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए आईएमएफ कुछ कठोर शर्तों के साथ राहत पैकेज दे सकता है।
गुरुवार की सुबह पाकिस्तानी रुपया डॉलर के मुकाबले 147 रुपए प्रति डॉलर पर आ गया। इससे पहले रुपया इसी सप्ताह 141 प्रति डॉलर पर आया था। पिछले सप्ताह आईएमएफ के साथ शुरुआती करार में पाकिस्तान ने बाजार आधारित विनिमय दर का अनुपालन करने की सहमति दी थी। फिलहाल पाकिस्तान का केंद्रीय बैंक विनिमय दरों को नियंत्रित करता है।
घरेलू मुद्रा में गिरावट आने के साथ कराची स्टॉक एक्सचेंज-100 इंडेक्स भी 1.4 प्रतिशत टूट गया। पिछले एक साल के दौरान पाकिस्तानी मुद्रा 20 प्रतिशत से अधिक कमजोर हुई है और यह एशिया में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली मुद्रा बन गई है।
वहीं दूसरी ओर भारत के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने छात्रों को चेतावनी दी है कि वो पाक अधिकृत जम्मू कश्मीर (पीओके) के संस्थानों में दाखिला न लें। यह भारत का अभिन्न अंग है और पाकिस्तान के नियंत्रण में है।
यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने कहा पाकिस्तान अधिकृत जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। पीओके में शैक्षणिक संस्थान, विश्वविद्यालय, मेडिकल कॉलेज, तकनीकी संस्थान को ना तो भारत सरकार ने स्थापित किया है और ना ही इन्हें यूजीसी, एआईसीटीई और इंडियन मेडिकल काउंसिल जैसी वैधानिक संस्थाओं से मान्यता प्राप्त हैं।
उन्होंने आगे कहा कि छात्रों को इसलिए वहां एडमिशन लेने से मना किया जा रहा है क्योंकि आजाद जम्मू कश्मीर, गिलगिट बाल्टिस्तान, जिन्हें भारत द्वारा अभी मान्यता नहीं दी गई है, इसके साथ ही पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले किसी क्षेत्र में कॉलेज, विश्विविद्यालय या तकनीकी संस्थानों में प्रवेश न लें।