इस्लामाबाद। पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने सोमवार को प्रमुख नीतिगत ब्याज दर में 1.50 प्रतिशत की वृद्धि कर इसे 12.25 प्रतिशत कर दिया है। मुद्रास्फीति दबाव, अधिक राजकोषीय घाटा तथा हालिया विनिमय दर में गिरावट का हवाला देते हुए शीर्ष बैंक ने रेपो रेट में यह बढ़ोतरी की है।
पिछले सप्ताह 6 अरब डॉलर के कर्ज को लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के साथ प्रारंभिक समझौते के बाद यह कदम उठाया गया है। ऐसी आशंका है कि पाकिस्तान को यह कर्ज कड़ी शर्तों के तहत मिलेगा। स्टेट बैंक आफ पाकिस्तान ने कहा कि नई दर 21 मई से प्रभाव में आएगी। इससे पहले, केंद्रीय बैंक ने मार्च में पिछली मौद्रिक नीति समीक्षा में नीतिगत दर 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 10.75 प्रतिशत की थी।
चालू खाते में सुधार और द्विपक्षीय प्रवाह में उल्लेखनीय वृद्धि के बावजूद, चालू खाता घाटे का वित्तपोषण चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। इसी के साथ 10 मई 2019 को देश का विदेशी मुद्रा भंडार भी मार्च के 10.5 अरब डॉलर से घटकर 8.8 अरब डॉलर रह गया है।
हालांकि चालू खाते में सुधार के बावजूद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के साथ तीन साल के दौरान 6 अरब डॉलर के राहत पैकेज का समझौता करने के बाद पाकिस्तानी रुपए में भारी गिरावट आई है।
बैंक के आंकड़ों के मुताबिक मुख्य नीतिगत दर में जनवरी 2018 से अब तक धीरे-धीरे 6.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो चुकी है। नई दर पिछले आठ साल में सबसे अधिक है और इस बात का संकेत भी है कि सरकार कठोर मौद्रिक नीति के जरिये मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना चाहती है।