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Pakistan PM Imran Khan's office faces power cut over non-payment of electricity bills
इस्लामाबाद। पाकिस्तान की लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था का असर अब प्रधानमंत्री इमरान खान के दफ्तर पर भी पड़ने लगा है। इस्लामाबाद इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी ने सचिवालय को नोटिस जारी कर पिछले कई महीनों से न चुकाए गए बिलों का भुगतान करने की अपील की है। पाक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सचिवालय के ऊपर 41 लाख पाकिस्तानी रुपए का बिजली बिल बकाया है। इस्लामाबाद इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी ने सचिवालय से कहा है कि बिल का भुगतान न होने पर उसे पीएम दफ्तर की बिजली बंद करनी पड़ सकती है।
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के गंभीर संकट की तरफ उन्मुख होने के बावजूद प्रधानमंत्री और अन्य सभी नेता पूर्वाग्रह से प्रेरित होकर युद्ध का खतरा बताते हुए भारत के खिलाफ जिहाद की बात कर रहे हैं। पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने वित्तीय कार्यप्रणाली का विवरण जारी किया, जिससे जाहिर है कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में भयावह स्थिति है।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार के एक साल पूरे होने पर राजकोषीय घाटा 8.9 प्रतिशत दर्ज किया गया, जोकि शायद देश के इतिहास में सर्वोच्च है। सकल घरेलू उत्पाद के प्रतिशत के रूप में राजस्व काफी घट गया है, जबकि खर्च उतना ही है जितना पिछले साल था।
हालांकि डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, सही मायने में खर्च पिछले साल का रिकॉर्ड तोड़ चुका है, जबकि राजस्व यथावत है। सभी प्रमुख वित्तीय संकेतक 30 जून, 2019 को समाप्त हुए वित्त वर्ष में गिरावट दर्शाते हैं।
आर्थिक आंकड़े बताते हैं कि खर्च पर नियंत्रण के लिए जो भी कदम उठाए गए, वे नाकाम रहे जबकि राजस्व में भारी गिरावट आई, जोकि वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाहियों में पहले ही शुरू हो चुकी थी। राजकोषीय घाटे में ज्यादा वृद्धि अंतिम तिमाही में आई।
पूर्व आर्थिक सलाहकार और अब नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलोजी में बिजनेस स्कूल के डीन अशफाक हसन खान ने कहा कि मैंने अपने कॅरियर में कभी राजकोषीय घाटे का इतना उच्चस्तर नहीं देखा।