इस्लामाबाद। पाकिस्तान (Pakistan) ने चीन की मदद से कराची में बने अपने पहले 1100 मेगावॉट न्यूक्लियर पावर प्लांट को नेशनल ग्रिड के साथ सफलतापूर्वक जोड़ दिया है। यह प्लांट किफायती और भरोसेमंछ बिजली उपलब्ध कराने के जरिये देश की अर्थव्यवस्था में सुधार लाने में मदद करेगा। नवनिर्मित 1100 मेगावॉट कराची न्यूक्लियर पावर प्लांट यूनिट-2 (के-2) को गुरुवार की रात में नेशनल ग्रिड के साथ जोड़ा गया।
पाकिस्तान एटोमिक एनर्जी कमीशन (PAEC) ने अपने एक बयान में कहा कि यह पाकिस्तान का दिन है और राष्ट्र को तोहफा दिया गया है। ऊर्जा मंत्री ओमार अयूब खान ने कहा कि अल्लाह की दुआ से गुरुवार रात 9 बजकर 37 मिनट पर न्यूक्लियर पावर प्लांट के-2 1145 मेगावॉट को सफलतापूर्वक नेशनल ग्रिड के साथ जोड़ दिया गया। उन्होंने कहा कि प्लांट की मौजूदा उत्पादन क्षमता 105 मेगावॉट थी।
पीएईसी ने कहा कि न्यूक्लियर पावर प्लांट ने फरवरी के अंत में क्रिटिकैलिटी को हासिल कर लिया था और नेशनल ग्रिड के साथ कनेक्ट करने से पहले कुछ सुरक्षा परीक्षण और प्रक्रियाओं को अपनाया जा रहा था। पाकिस्तान न्यूक्लियर रेगूलेटरी अथॉरिटी से मंजूरी मिलने के बाद प्लांट में न्यूक्लियर फ्यूल भरने का काम 1 दिसंबर, 2020 से शुरू हुआ था।
के-2 पाकिस्तान में पहला न्यूक्लियर पावर प्लांट है और इसकी उत्पादन क्षमता 1100 मेगावॉट है, जो निश्चित रूप से देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने में मदद करेगा। के-2 में चीनी एचपीआर-1000 टेक्नोलॉजी पर आधारित एक प्रेशराइज्ड वाटर रिएक्टर है और तीसरी पीढ़ी का यह प्लांट एडवांस्ड सेफ्टी फीचर्स से सुसज्जित है।
कराची में एक जैसे निर्माणाधीन दो प्लांट में से के-2 एक है और कमर्शियल ऑपरेशन के लिए इस साल मई तक इसका उद्घाटन किया जाएगा। दूसरे प्लांट का नाम के-3 है और यह भी अपने अंतिम चरण में है। इसके इस साल के अंत तक ऑपरेशनल होने की उम्मीद है। पीएईसी देश में छह न्यूक्लियर पावर प्लांट पर काम कर रहा है। दो प्लांट कराची में और चार प्लांट पंजाब के मियांवाली के चश्मा में हैं। पीएईसी द्वारा संचालित न्यूक्लियर पावर प्लांट की संयुक्त उत्पादन क्षमता लगभग 1400 मेगावॉट है, जिसमें के-2 और बाद में के-3 के चालू होने पर वृद्धि होगी।
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