इस्लामाबाद। पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक ने चीनी मुद्रा युआन को द्विपक्षीय व्यापार और निवेश गतिविधियों के लिए उपयोग करने की अनुमति दे दी है। इस कदम के बाद युआन सीपीईसी (चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारा) परियोजनाओं में लेनदेन के लिए डॉलर की जगह ले सकता है। स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) ने कहा है कि निवेश और व्यापार के लिए चीनी मुद्रा के इस्तेमाल की सभी व्यवस्थाएं पहले ही जा चुकी हैं।
युआन को अपनाने का अर्थ है कि पाकिस्तान और चीन 50 अरब डॉलर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे परियोजनाओं में लेनदेन के लिए अमेरिकी डॉलर की जगह चीनी मुद्रा का उपयोग कर सकेंगे। पाकिस्तान के योजना और विकास मंत्री एहसान इकबाल ने 19 दिसंबर को कहा था कि सरकार ने सभी द्विपक्षीय व्यापार में डॉलर के स्थान पर युआन का प्रयोग करने के चीन के प्रस्ताव पर विचार किया।
पाकिस्तानी अखबार ‘डॉन’ ने कल बैंक की ओर से जारी बयान के हवाले से कहा है कि एसबीपी ने आयात, निर्यात और वित्तीय लेनदेन में युआन का इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए व्यापक नीतिगत उपाए किए हैं। इसमें कहा गया है कि युआन को ग्वादर, बलूचिस्तान में कानूनी रूप से वैध ठहराए जाने के चीनी प्रस्ताव को खारिज करने के बाद यह निर्णय लिया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के उद्यम (पाकिस्तान और चीन दोनों जगह) द्विपक्षीय व्यापार और निवेश गतिविधियों के लिए युआन का उपयोग करने के लिए स्वतंत्र हैं।
बैंक के प्रवक्ता ने कहा कि द्विपक्षीय व्यापार के लिए चीनी मुद्रा के इस्तेमाल को लेकर मीडिया में कई तरह प्रश्न थे, इसलिए युआन को लेकर बयान जारी किया गया। पाकिस्तान में, विदेशी मुद्रा लेनदेन के लिए युआन एक स्वीकृत मुद्रा है। इसके लिए एसबीपी जरूरी नियामकीय रूपरेखा पहले ही लागू कर चुका है, जिससे व्यापार और ऋण पत्र जैसी सुविधाएं शुरू करने में आसानी होगी। साथ ही युआन में वित्तपोषण की सुविधा भी उपलब्ध होगी।
पाकिस्तान में नियमों के मुताबिक, युआन- डॉलर, यूरो और जापानी येन जैसी अन्य अंतरराष्ट्रीय मुद्राओं के बराबर है।