इस्लामाबाद। पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) 6 से 8 अरब डॉलर के राहत पैकेज पर हस्ताक्षर करने के करीब पहुंच गए हैं। वित्त मंत्री असद उमर ने मंगलवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि नकदी संकट से जूझ रहा पाकिस्तान अब भुगतान संतुलन की गंभीर समस्या से बाहर निकलने के करीब है, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था की स्थिति को खराब होने का खतरा है।
वित्त मंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के पैकेज से देश के सिकुड़ते मुद्रा भंडार के दबाव से निपटने में मदद मिलेगी। अमेरिका की यात्रा से वापस आने के बाद उमर ने वित्त और राजस्व पर संसद की स्थायी समिति की बैठक में कहा कि हम एक समझौते पर पहुंचे हैं और सभी बड़े मुद्दों को सुलझा लिया गया है।
पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार जनवरी मध्य में 6.6 अरब डॉलर पर आ गया, लेकिन सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात तथा चीन से अल्पकालीन वित्त पोषण से विदेशी मुद्रा भंडार मार्च के अंत में बढ़कर 10.5 अरब डॉलर पर पहुंच गया।
उमर ने कहा कि आईएमएफ का दल अप्रैल के अंतिम सप्ताह में इस्लामाबाद आएगा। उस दौरान राहत पैकेज को अंतिम रूप दिया जाएगा। बाद में वित्त मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि आईएमएफ के साथ प्रोत्साहन पैकेज पर लिखित में सहमति बनी है और सभी नीतिगत मामलों पर हमारा समझौता है। इन मामलों में विनिमय दर, राजकोषीय घाटा, ऊर्जा, सार्वजनिक वित्त तथा सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां शामिल हैं।