इस्लामाबाद। पाकिस्तान की भ्रष्टाचार-रोधी अदालत ने मंगलवार को पूर्व वित्त मंत्री इशाक डार के बैंक खातों को जब्त करने और उनकी परिसंपत्तियों को नीलाम करने की अनुमति दे दी है। पनामा दस्तावेज घोटाले में नाम आने के बाद उनके खिलाफ रिश्वत का एक मामला दर्ज किया गया था। उसके बाद वह देश छोड़कर भागे गए हैं।
यह मामला आय से अधिक संपत्ति से जुड़़ा है। यह राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (नैब) द्वारा दर्ज उन चार मामलों में से एक है, जिन्हें उसने सुप्रीम कोर्ट के 28 जुलाई के आदेश के बाद दाखिल किया था। इन मामलों में डार के अलावा पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनका परिवार भी शामिल है। पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद शरीफ को अपना पद छोड़ना पड़ा था।
डॉन अखबार की खबर के मुताबिक नैब ने एक याचिका दायर कर डार की परिसंपत्तियों की नीलामी की अनुमति मांगी थी। अदालत ने इसी याचिका पर फैसला सुनाते हुए उसे यह अनुमति दे दी। साथ ही नैब ने उसे मामले में वापस वसूली गई संपत्ति का लाभार्थी नियुक्त करने की भी अनुमति मांगी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अदालत ने पंजाब प्रांत की सरकार को नीलामी की जिम्मेदारी दी है। अब यह राज्य सरकार पर निर्भर करता है कि वह चाहे तो संपत्ति को बेच दे या उसे जब्त कर अपने पास रखे। डार अक्टूबर 2017 से लंदन में छिपे हुए हैं।
डार, जो शरीफ की छोटी बेटी के ससुर हैं, को पहले ही भ्रष्टाचार मामले में भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। डार के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला सितंबर 2017 में दर्ज किया गया था। भ्रष्टाचार निरोधक नियामक लाहौर और इस्लामाबाद स्थित 67 वर्षीय डार की चल व अचल संपत्ति को जब्त कर चुकी है। मामले के मुताबिक डार के पास 83.17 करोड़ रुपए की संपत्ति है, जो उनकी आय की तुलना में बहुत अधिक है।