नई दिल्ली। संसद की लोक लेखा समिति ने रेलवे के मुंबई मंडल में विज्ञापन ठेकों को देने में गड़बड़ी पाई है और इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की है। लोक लेखा समिति ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में रेलवे के मुंबई मंडल में पहले आओ, पहले पाओ की नीति के आधार दिए गए विज्ञापनों के ठेकों में गड़बड़ी होने का उल्लेख किया है। यह नीति ठेके देने में पिछले 25-30 साल से अपनाई जा रही है।
इस रिपोर्ट में समिति के अध्यक्ष के. वी. थॉमस ने कहा कि वाणिज्यिक विज्ञापन के लिए पहले आओ और पहले पाओ की नीति के आधार पर दिए गए सभी ठेकों को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाना चाहिए। समिति ने पाया कि मध्य रेलवे और पश्चिम रेलवे में इन ठेकों को देने में किसी तरह की पारदर्शिता नहीं है। मुंबई मंडल मध्य रेलवे और पश्चिम रेलवे का हिस्सा है।
विज्ञापनों के आवंटन में कथित गड़बड़ी और इसमें रेलवे अधिकारियों की मिलीभगत होने की केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा जांच की गई और कुछ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई। समिति ने इस मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश की है।
इसके अलावा समिति ने पाया कि स्टेशनों पर अनधिकृत विज्ञापनों से राजस्व का नुकसान होता है। समिति का सुझाव है कि ठेके के विज्ञापनों पर अधिकृत होने का पहचान चिह्न या होलोग्राम इत्यादि का विकल्प अपनाया जाए और अनधिकृत विज्ञापनों पर जुर्माने का प्रावधान किया जाए।