नई दिल्ली। पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि एनडीए सरकार की 7.1 फीसदी बढ़ोतरी के ताजा अनुमान के उलट वर्ष 2015-16 में आर्थिक ग्रोथ 7 प्रतिशत से नीचे रह सकती है। चिदंबरम ने कहा, आपने (सरकार) साल की शुरुआत 8.5 फीसदी की ग्रोथ (2015-16 के लिए) के वादे के साथ की और अब इस उम्मीद में साल खत्म होने जा रहा है कि यह 7.1 फीसदी रहेगी। मैं यहां यह भविष्यवाणी करने का जोखिम उठा सकता हूं कि 2015-16 में आप 7 फीसदी पर भी नहीं पहुंच पाएंगे, आर्थिक वृद्धि सात फीसदी से भी नीचे जा सकती है।
कमजोर आकंड़ों का दिया हवाला
सरकार ने कमजोर मानसून के चलते पिछले महीने ही चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि का अनुमान घटाकर 7 से 7.5 फीसदी कर दिया। हाल के आईआईपी व निर्यात के आंकड़ों का जिक्र करते हुए चिदंबरम ने कहा कि लगातार 13वें महीने निर्यात में गिरावट रही है। उद्योग के 24 क्षेत्रों में से 17 क्षेत्रों में नवंबर महीने में नकारात्मक वृद्धि दर्ज की गई। पूंजीगत सामान क्षेत्र नवंबर में 24 फीसदी घटा। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता क्षेत्र में गिरावट है। इस्पात, सीमेंट, तेल व गैस जैसे प्रमुख उद्योगों में उत्पादन घट रहा है।
हमारी ग्रोथ दर चीन से ज्यादा नहीं
भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ दर चीन से आगे निकलने को लेकर चल रही चर्चा पर चिदंबरम ने कहा, यह याद रखना चाहिए कि चीन की अर्थव्यवस्था में 30 साल से भी अधिक समय तक औसतन 10 फीसदी ग्रोथ दर्ज की गई, यही वजह है कि वर्ष 1980 तक भारत और चीन कमोबेश समान स्तर पर थे। आज चीन की अर्थव्यवस्था का आकार भारतीय अर्थव्यवस्था से तीन गुणा बड़ा है। ऐसे में यह कहने का कोई मतलब नहीं कि हमारी ग्रोथ दर चीन से ज्यादा हो गई है।