देश में एप आधारिक कम कीमत के होटलों में बुकिंग सुविधा देने वाली कंपनी ओयो होटल्स एंड होम्स ने पिछले सप्ताह में अपनी संचालन टीम में करीब 300 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। कोरोना वायरस के चलते होटल एवं हॉस्पिटेलिटी बिजनेस पर काफी मार पड़ी है। जिसके चलते अब कंपनी अपनी लागत में कमी लाने की कोशिश कर रही है। कंपनी से जुड़ी सूत्रों ने बताया कि Oyo अपने बिजनेस मॉडल में बदलाव कर रही है। कंपनी न्यूनतम व्यवसाय गारंटी मॉडल से रेवेन्यू शेयरिंग मॉडल की ओर बढ़ रही है। इस बदलाव के चलते अब कंपनी को कम लोगों की आवश्यकता होती है।
अंग्रेजी अखबार मिंट में ओयो के अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि “इस बदलाव के साथ, ओयो का 99% फ्रैंचाइज़ी व्यवसाय रेवेन्यू शेयरिंग में बदल जाएगा। हालांकि कुछ संपत्तियों अभी भी न्यूनतम गारंटी के तहत काम करेंगी। कई प्रक्रियाओं को स्वचालित करने के लिए, Oyo ने नई तकनीकी अपनाना शुरू किया है। जिसके चलते कंपनी को अब कम लोगों की जरूरत होगी।"
सूत्रों ने कहा कि यह दीर्घकालिक तौर पर टिकाऊ व्यवसाय बनाने के लिये किया गया है। कंपनी ने मौजूदा कारोबारी वास्तविकताओं के साथ कुछ परिचालनगत परिवर्तन किये हैं। इस बारे में संपर्क करने पर ओयो के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमने इस समय कोई महत्वपूर्ण पुनर्गठन नहीं किया है। स्थानों के आधार पर कुछ कदम उठाये गये हैं। हमारे कदम मौजूदा व्यावसायिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हमारे साझेदारों व उपभोक्ताओं के हित में उठाये गये हैं।’’
हालांकि छंटनी की कवायद पूरे देश में चलते रही है, लेकिन नौकरी गंवाने वाले ज्यादातर कर्मचारी उन जगहों पर थे जहां कारोबार प्रभावित है। ओयो ने लॉकडाउन से ठीक पहले और बाद में 5,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल चुका है।
सॉफ्टबैंक समर्थित ओयो के संस्थापक और सीईओ रितेश अग्रवाल ने सितंबर में कहा था कंपनी इस व्यावसायिक संकट के लिए तैयार नहीं थी, मार्च में लॉकडाउन के बाद कई महीनों तक होटलों में आक्यूपेंसी शून्य रही।