इंदौर: देश में रेलगाड़ियों पर यात्रियों के भारी बोझ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मौजूदा वित्त वर्ष के शुरुआती 8 महीनों में चार्ट बनते समय कन्फर्म न हो पाने के कारण करीब 65.69 लाख ऑनलाइन टिकट अपने आप रद्द हो गए। इस तरह देखा जाए तो हर महीने औसतन आठ लाख से ज्यादा ऑनलाइन टिकट कन्फर्म नहीं हो पाने से रद्द हो रहे हैं जिससे यात्रियों को जाहिर तौर पर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
8 महीनों में रद्द हुए 65 लाख से ज्यादा टिकट
प्रदेश के नीमच निवासी RTI कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने रविवार को बताया कि भारतीय रेलवे की सहायक कंपनी इंडियन रेलवे कैटरिंग ऐंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (IRCTC) ने उन्हें सूचना के अधिकार के तहत यह जानकारी दी है। गौड़ को 8 जनवरी को भेजी गई जानकारी के मुताबिक जारी वित्त वर्ष में अप्रैल से नवंबर 2019 तक ऑनलाइन बुक कराए गए 65,68,852 टिकट चार्ट बनते समय कन्फर्म न हो पाने से IRCTC की वेबसाइट पर अपने आप रद्द हो गए।
नहीं मिला रद्द टिकटों से वसूली गई फीस का ब्योरा
आरटीआई के तहत दिए गए जवाब में बताया गया,‘ऑनलाइन बुक हुआ रेल टिकट चार्ट बनते समय कन्फर्म न हो पाने के कारण स्वत: रद्द हो जाता है। रेलवे द्वारा रद्दीकरण शुल्क काटकर शेष राशि IRCTC को दी जाती है एवं IRCTC यह राशि उपभोक्ता को जस की तस वापस दे देती है।’ गौड़ ने कन्फर्म नहीं हो पाने के कारण प्रतीक्षा सूची में ही रह गये यात्री टिकटों को रद्द करने के बदले रेलवे के वसूले गए शुल्क का ब्योरा भी मांगा था, लेकिन यह जानकारी फिलहाल उन्हें नहीं मिल पाई है।
कुछ ट्रेनों में टिकटों के लिए होती रहती है मारामारी
IRCTC ने इस बारे में उनके सवाल पर जवाब दिया, ‘चूंकि टिकट रद्दीकरण शुल्क आईआरसीटीसी द्वारा एकत्र नहीं किया जाता है। इसलिए इसकी जानकारी के लिये आपके आवेदन को रेलवे को भेज दिया गया है।’ बहरहाल, देश में रेल टिकटों के लिये मारामारी का किस्सा नया नहीं है और खुद रेल मंत्री पीयूष गोयल यात्री गाड़ियों पर भारी बोझ की बात हाल ही में कबूल चुके हैं। गोयल ने इंदौर में 12 जनवरी को मीडिया से कहा था कि गुजरे सालों के दौरान पर्याप्त निवेश नहीं होने से रेलवे के सरकारी तंत्र को बड़ा भार सहन करना पड़ रहा है और ‘कुछ यात्री गाड़ियों में तो टिकटों की मांग 150 प्रतिशत से भी ज्यादा है।’
यात्री गाड़ियों की कमी दूर करने के लिए चली तेजस
व्यस्त मार्गों पर यात्री गाड़ियों की कमी दूर करने के प्रयासों के तहत रेलवे ने IRCTC के जरिये प्रीमियम श्रेणी की तेजस एक्सप्रेस ट्रेनों के परिचालन की पिछले साल से शुरुआत की थी। लखनऊ और दिल्ली के बीच ऐसी पहली ट्रेन को अक्टूबर 2019 में हरी झंडी दिखायी गयी थी। इस श्रेणी की दूसरी तेजस ट्रेन अहमदाबाद-मुंबई तेजस एक्सप्रेस का वाणिज्यिक परिचालन रविवार से ही शुरू हुआ है। रेलवे ने देशभर में ऐसी 150 प्रीमियम ट्रेनों के संचालन का प्रस्ताव दिया है। (भाषा)