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BSNL का साथ छोड़ने जा रहे हैं 77,000 कर्मचारी, स्‍वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना को चुना

हाल ही में बीएसएनएल स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना-2019 पेश की गई है और यह तीन दिसंबर तक खुली रहेगी।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: November 19, 2019 14:46 IST
Over 77,000 employees have opted for BSNL VRS- India TV Paisa
Photo:OVER 77,000 EMPLOYEES HAV

Over 77,000 employees have opted for BSNL VRS

नई दिल्‍ली। सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के 77,000 से ज्यादा कर्मचारियों ने अब तक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) का विकल्प चुना है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।

बीएसएनएल के कुल डेढ़ लाख कर्मचारियों में से करीब एक लाख कर्मचारी वीआरएस लेने के पात्र हैं। स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना की प्रभावी तारीख 31 जनवरी 2020 है। बीएसएनएल के एक अधिकारी ने बताया कि अब तक वीआरएस चुनने वाले कर्मचारियों की संख्या 77,000 के पार जा चुकी है।

हाल ही में बीएसएनएल स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना-2019 पेश की गई है और यह तीन दिसंबर तक खुली रहेगी। बीएसएनएल को उम्मीद है कि यदि 70,000 से 80,000 कर्मचारी वीआरएस योजना को अपनाएंगे तो इससे वेतन मद में करीब 7,000 करोड़ रुपए की बचत होगी।

योजना के मुताबिक, 50 साल या इससे ज्यादा उम्र के कर्मचारी इसके दायरे में हैं। महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड भी वीआरएस योजना लाई है। कर्मचारियों के लिए यह योजना भी तीन दिसंबर तक खुली है। उल्लेखनीय है कि पिछले महीने केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एमटीएनएल को बीएसएनल में मिलाने की योजना को मंजूरी दी थी।

स्‍वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना के लिए पात्र कर्मचारी को प्रत्‍येक पूर्ण किए गए वर्ष के लिए 35 दिनों के बराबर वेतन का एक्‍स-ग्रेसिया और सेवानिवृत्‍त होने में शेष बचे प्रत्‍येक वर्ष के लिए 25 दिनों के वेतन के बराबर एक्‍स-ग्रेशिया दिया जाएगा।  

एमटीएनएल मुंबई अज्ञैर दिल्‍ली में सेवाएं देती है, जबकि बीएसएनएल शेष देश में अपनी सेवाओं का परिचालन करती है। सरकार बीएसएनएल को 4जी स्‍पेक्‍ट्रम खरीदने के लिए 20,410 करोड़ रुपए, स्‍पेक्‍ट्रम आवंटन पर भुगतान किए जाने वाली जीएसटी के लिए 3,674 करोड़ रुपए, वीआरएस के लिए 17,160 करोड़ रुपए और सेवानिवृत्ति देनदारी के लिए 12,768 रुपए प्रदान करेगी। इसके अलावा कंपनी सॉवरेट गारंटी पर 15,000 करोड़ रुपए का ऋण जुटाएगी। दोनों कंपनियों अगले तीन सालों में संपत्तियों की बिक्री के जरिये 37,500 करोड़ रुपए भी जुटाएंगी।

पिछले 10 सालों में से एमटीएनएल ने 9 सालों में घाटा दिखाया है जबकि बीएसएनएल भी 2010 से घाटे में ही चल रही है। दोनों कंपनियों पर 40,000 करोड़ रुपए का कुल ऋण बकाया है।

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