नई दिल्ली। ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉई एसोसिएशन (एआईबीईए) ने 5,610 विलफुल डिफॉल्टर्स की लिस्ट जारी की है, जिन पर मार्च 2016 तक संयुक्तरूप से सरकारी और प्राइवेट बैंकों का कुल 58,792 करोड़ रुपया बकाया है। एसोसिएशन द्वार मंगलवार को देर रात जारी की गई इस लिस्ट में राष्ट्रीयकृत बैंकों के सबसे ज्यादा 3,192 एकाउंट विलफुल डिफॉल्टर्स के हैं, जिसमें 28,775 करोड़ रुपए की राशि फंसी हुई है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के टॉप डिफॉल्टर्स में विनसम डायमंड्स एंड ज्वेलरी लिमिटेड(2,266 करोड़ रुपए), फोरएवर प्रीसियस ज्वेलरी एंड डायमंड्स (1,001 करोड़ रुपए), किंगफिशर एयरलाइंस लिमिटेड (1,201 करोड़ रुपए), डेक्कन क्रोनिकल होल्डिंग्स लिमिटेड (884 करोड़ रुपए), इंडियन टेक्नोमैक कंपनी लिमिटेड (625 करोड़ रुपए), रैंक इंडस्ट्रीज (566 करोड़ रुपए), रजा टेक्सटाइल (694.59 करोड़ रुपए), राई एग्रो लिमिटेड (580 करोड़ रुपए), एस कुमार नेशनवाइड लिमिटेड (598 करोड़ रुपए), जेनिथ बिड़ला (इंडिया) लिमिटेड (139 करोड़ रुपए), जूम डेवेलपर्स (1710 करोड़ रुपए) और इलेक्ट्रोथर्म इंडिया (385 करोड़ रुपए) शामिल हैं।
भारतीय स्टेट बैंक और इसके पांच सहयोगी बैंकों के विलफुल डिफॉल्टर्स की संख्या 1546 हैं, जिनपर कुल 18,576 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है। प्राइवेट बैंकों, वित्तीय संस्थाओं और विदेशी बैंकों के विलफुल डिफॉल्टर्स की संख्या का पता नहीं चला है, लेकिन इन बैंकों की क्रमश: 10,250 करोड़, 728 करोड़ और 463 करोड़ रुपए की राशि ऐसे मामलों में फंसी हुई है। टॉप थ्री नेशनालाइज्ड बैंक जिनका सबसे ज्यादा पैसा डिफॉल्ट में फंसा हैं, उनमें पंजाब नेशन बैंक 698 एकाउंट (9,445 करोड़) के साथ सबसे आगे है। इसके बाद सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ इंडिया का नंबर है, जिनमें क्रमश: 639 और 339 एकाउंट विलफुल डिफॉल्टर्स के हैं और इनमें क्रमश: 3,574 करोड़ रुपए और 3,545 करोड़ रुपए की राशि फंसी हुई है।