नई दिल्ली। आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि ठेले, खोमचे वालों के लिए 10,000 रुपये तक के कर्ज वाली विशेष लघु ऋण योजना के तहत 27.33 लाख से अधिक आवेदन मिले हैं। आधिकारिक बयान के अनुसार ठेले, खोमचे वालों के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना (प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि) के अंतर्गत कुल 27,33,497 आवेदनों में से 14.34 लाख आवेदनों को अबतक मंजूरी दी गई है। इसमें से 7.88 लाख कर्ज अबतक वितरित किए गए हैं।
जो ठेले, खोमचे वाले, पटरी पर दुकान लगाने वाले (वेंडर) कोरोनावायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण अपना कामकाज छोड़कर घरों को लौट गए थे, वे दोबारा वापस लौटने पर इस योजना के तहत कर्ज लेने के लिए पात्र हैं। इस योजना के तहत ऋण लेने को सुगम बनाया गया है। किसी भी सामान्य सेवा केंद्र या नगर पालिका कार्यालय से आवेदन पत्र ऑनलाइन अपलोड किए जा सकते हैं। या फिर बैंक से यह फॉर्म लिया जा सकता है।
आवास एवं शहरी कार्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने ट्विटर पर लिखा कि पीएम स्वनिधि योजना आगे बढ़ रही है। इसके तहत 27 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त किए गए। 14 लाख से अधिक आवेदनों को अबतक मंजूरी दी गई है। इसमें से करीब 8 लाख कर्ज अबतक वितरित किए गए हैं।
बिना गारंटी मिलता है लोन
सरकार का मकसद है कि सड़क किनारे ठेले लगाकर सामान बेचने वाले ऐसे दुकानदारों को इस स्कीम से लाभ मिले और वो दोबारा अपने छोटे कारोबार को पटरी पर ला सकें। सस्ती दरों पर मिलने वाले इस सरकारी लोन की स्कीम को जून 2020 में लॉन्च किया गया। इसकी विशेषता है कि इसके तहत बांटे गए लोन के लिए किसी तरह की गारंटी नहीं ली जाती है।
ऐसे मिलता है लाभ
इस स्कीम के तहत रेहड़ी-पटरी वाले दुकानदारों को 10 हजार रुपये तक का कर्ज दिया जाता है। इससे उन्हें अपने कारोबार को फिर से शुरू करने में मदद मिलती है। इसके तहत ठेले वाले दुकानदार, नाई की दुकान, मोची, पान की दुकान, लॉन्ड्री सेवाओं को शामिल किया गया है। इसमें ठेले पर सब्जी, फल, चाय, पकौड़े, ब्रेड, अंडे, कपड़े, दस्तकारी उत्पाद और किताबें/कॉपियां बेचने वाले दुकानदार शामिल हैं।
समय पर कर्ज लौटाने पर ब्याज में छूट
इस योजना में अबतक 25 लाख आवेदन आए हैं और 12 लाख से ज्यादा को स्वीकृति दे दी गई है। मोदी ने कहा कि साढ़े छह लाख आवेदन केवल उत्तर प्रदेश से आए जिसमें पौने चार लाख को मंजूरी दे दी गई है। लाभार्थियों को समय से कर्ज अदायगी पर सात प्रतिशत की छूट भी दी जा रही है और डिजिटल लेन-देन में सौ रुपये प्रतिमाह कैशबैक के रूप में दिए जा रहे हैं।