नई दिल्ली। बाजार विनियामक सेबी ने मंगलवार को कहा कि घोटालों में घिरी निवेश कंपनी पीएसीएल के 12 लाख निवेशकों को 429 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया जा चुका है। इनमें ज्यादातर छोटे निवेशक हैं, जिनका कंपनी पर दस हजार रुपए तक का दावा था। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने जांच में पाया है कि पीएसीएल लिमिटेड ने कृषि और अचल संपत्ति परियोजनाओं में निवेश के नाम पर निवेशकों से गैर-कानूनी सामूहिक निवेश योजनाओं के जरिये 60,000 करोड़ रुपए जुटाए थे।
कंपनी का यह गोरखधंधा 18 वर्ष तक चलता रहा था। सेबी ने एक बयान में कहा कि आज की तिथि तक 12,48,344 पात्र आवेदकों के दावों के निस्तारण के तहत कुल 429.13 करोड़ रुपए लौटाए गए हैं। इन आवेदकों के दावे अधिकतम दस हजार रुपए तक के थे। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश आरएम लोढा की आध्यक्षता में बिठाई गई एक समिति ने निवेशकों के धन-वापसी के आवेदनों को चरणबद्ध तरीके से निपटने की प्रक्रिया शुरू की है।
कंपनियों को वार्षिक आम बैठक करने के लिए दिसंबर तक का समय
सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के इस दौर में कंपनियों को 2019- 20 वित्त वर्ष की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) करने के लिए 31 दिसंबर 2020 तक का समय दे दिया। कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय की विज्ञप्ति के मुताबिक मंत्रालय ने इस बारे में कंपनी रजिस्ट्रार (आरओसी) को आदेश जारी करने को कहा है। आरओसी से कहा गया है कि वह इस संबंध में औपचारिक तौर पर आवेदन करने और फीस का भुगतान किए बिना ही एजीएम करने की समय सीमा विस्तार का आदेश जारी करे।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि इस संबंध में चाहे आवेदन पहले दिया जा चुका है और उसे मंजूरी नहीं मिली है अथवा खारिज किया गया है, ऐसे आवेदन भी राहत पाने के दायरे में होंगे। कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय का काम कंपनी कानून के अमल पर ध्यान देना है। मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है, करीब 12 लाख कंपनियों को बड़ी राहत दी गई है। कंपनियों को उनकी वार्षिक आम बैठक आयोजित करने की समय सीमा को 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2020 कर दिया गया है। कंपनियों को यह राहत कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए दी गई है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि विभिन्न संघों और संगठनों ने कंपनियों के लिए एजीएम करने की समयसीमा बढ़ाने की मांग की थी।