नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी आम्रपाली समूह की नोएडा स्थित आवास परियोजनाओं के 1,800 से अधिक उन घर खरीदारों में शामिल हैं, जिनसे उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त रिसीवर ने 15 दिन के भीतर अपना बकाया चुकाने के लिए कहा है। यदि फ्लैट खरीदार रिसीवर द्वारा बनाई गई ग्राहकों की सूची में अपना नाम दर्ज कराने में विफल रहते हैं और गुरुवार को जारी सार्वजनिक नोटिस से 15 दिन के भीतर भुगतान शुरू नहीं करते हैं, तो उनके द्वारा बुक किए गए फ्लैटों का आवंटन अपने आप रद्द हो जाएगा। इस बारे में टिप्पणी के लिए धोनी से तत्काल संपर्क नहीं हो सका।
धोनी ने अप्रैल 2016 में आम्रपाली के ब्रांड एंबेसडर के रूप में इस्तीफा दे दिया था। नोएडा और ग्रेटर नोएडा में रुकी हुई परियोजनाओं को पूरा करने के लिए गठित आम्रपाली अवरुद्ध परियोजनाएं निवेश पुनर्गठन प्रतिष्ठान (एस्पायर) ने एक प्रमुख समाचार पत्र में विज्ञापन के जरिए नोटिस प्रकाशित किया है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनबीसीसी को अदालत द्वारा नियुक्त समिति की निगरानी में 8,000 करोड़ रुपये से अधिक के अनुमानित निवेश के साथ 20 से अधिक आवासीय परियोजनाओं का निर्माण पूरा करने के लिए कहा गया है।
उच्चतम न्यायालय ने आम्रपाली आवासीय परियोजनाओं के अधिग्रहण के बाद सभी घर खरीदारों को अपना विवरण दर्ज कराने और शेष राशि का भुगतान करने के लिए कहा था। ताजा विज्ञापन में उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त रिसीवर ने कहा कि नोटिस उन घर खरीदारों के लिए है, जिन्होंने जुलाई 2019 में शीर्ष अदालत के फैसले के बाद कोई कदम नहीं उठाया।
नोटिस के अनुसार धोनी ने सेक्टर 45 नोएडा में सैफायर फेज-1 में दो फ्लैट- सी-पी5 और सी-पी6 बुक किए हैं, जबकि धोनी का प्रतिनिधित्व करने वाले रीति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट के चेयरमैन अरुण पाण्डेय ने इसी परियोजना में सी-पी4 फ्लैट बुक कराया है। इस बारे में पाण्डेय से भी बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्हें भेजे गए संदेश का कोई जवाब नहीं आया। उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त रिसीवर ने नोएडा की आवासीय परियोजनाओं के घर खरीदारों के लिये नोटिस जारी किया है और अब एक अलग नोटिस ग्रेटर नोएडा की परियोजनाओं के लिये भी प्रकाशित किया जायेगा।