नई दिल्ली। कर्ज वसूली की समस्या से जूझ रहे सरकारी क्षेत्र के ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी) के शुद्ध लाभ और आय में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में गिरावट देखने को मिली है। इस दौरान शुद्ध लाभ 60.9 फीसदी गिर कर 100.69 करोड़ रुपए रहा, जबकि पिछले साल इसी दौरान शुद्ध लाभ 257.84 करोड़ रुपए था।
बैंक द्वारा शेयर बाजार को आज भेजी गई वित्तीय सूचना में कहा गया है कि पहली तिमाही में उसकी कुल आय गिर कर 5,392.70 करोड़ रुपए रही, जबकि पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इसने 5,568.78 करोड़ रुपए की कमाई की थी।
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आलोच्य अवधि में वसूल नहीं हो रही किस्तों और आकस्मिक खर्चों के एवज में उसे 750.40 करोड़ रुपए का प्रावधान करना पड़ा, जबकि एक साल पहले इस मद पर प्रावधान 577.65 करोड़ रुपए था। पहली तिमाही की समाप्ति पर बैंक के अवरुद्ध या वसूली में फंसे ऋण की राशि उसके द्वारा दिए गए सकल ऋण के 11.45 फीसदी पर पहुंच गई। यह एक साल पहले के 5.85 फीसदी की तुलना में दो गुना है।
कुल मिला कर आलोच्य अवधि के अंत में इसके वसूल नहीं हो रहे ऋणों की राशि (एनपीए) 17,208.91 करोड़ रुपए पर पहुंच गई, जबकि एक साल पहले यह राशि 8,577.04 करोड़ रुपए थी। ओरियंटल बैंक की शुद्ध एनपीए भी एक साल पहले के शुद्ध ऋण के 3.76 फीसदी से बढ़ कर 8.11 फीसदी के बराबर हो गई। राशि के हिसाब से शुद्ध एनपीए एक साल पहले के 5,337.77 करोड़ रुपए की तुलना में इस बार जून के अंत में 11,734.30 करोड़ रुपए रहा।