वियना/नई दिल्ली। तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक ने कहा कि वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की प्रचुरता में अगले साल कमी आ सकती है क्योंकि तेल निर्यातक देशों के समूह ओपेक से बाहर के देश अपना उत्पादन घटा रहे हैं। ओपेक ने अपनी मई माह की रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला है।
इसके अनुसार गैर-ओपेक देशों के उत्पादन में कमी के लगातार संकेत हैं। इससे वैश्विक तेल बाजार में 2017 में कमी आ सकती है। इसके अनुसार गैर-ओपेक देश अपने कच्चे तेल की आपूर्ति में 7,40,000 बैरल प्रति दिन की कमी लाकर इसे 5.94 करोड़ बैरल प्रतिदिन कर सकते हैं। इस बीच लंदन से मिले समाचार के अनुसार कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई है। अमेरिकी बैंचमार्क वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट के जून आपूर्ति सौदे के भाव 46 सेंट टूटकर 46.24 डॉलर प्रति बैरल रहे। वहीं ब्रेंट नोर्थ सी कच्चे तेल के जुलाई आपूर्ति सौदे के भाव 43 सेंट टूटकर 47.65 डॉलर प्रति बैरल रहे।
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जीडीपी वृद्धि दर 7.4 फीसदी रहने का अनुमान: एचएसबीसी
वित्तीय सेवा संस्थान एचएसबीसी ने अपनी एक रिपोर्ट में अनुमान लगाया कि मौजूदा वित्त वर्ष में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7.4 फीसदी रहेगी। संस्थान का कहना है कि आधार विधयेक, दिवाला संहिता तथा मौद्रिक नीति समिति जैसी पहलों से मध्यावधि परिदृश्य को समर्थन मिलने की उम्मीद है।
एचएसबीसी ने कहा है, हमें वित्त वर्ष 2016-17 में जीडीपी वृद्धि दर 7.4 फीसदी रहने की अपेक्षा है। इसके अनुसार मध्यावधि पुनरोद्धार की उम्मीद मजबूत हुई है। सरकार के फरवरी में जारी अग्रिम अनुमानों के अनुसार देश की जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2016 में 7.6 फीसदी रहने का अनुमान है।