नई दिल्ली। 120 करोड़ भारतीयों में से केवल 4 फीसदी लोग (तकरीबन 5.16 करोड़) इनकम टैक्स रिटर्न भरते हैं। सरकार द्वारा हाल ही में टैक्स से जुड़े आंकड़े पहली बार सार्वजनिक किए जाने से यह जानकारी सामने आई है। 2015-16 में 5.16 करोड़ लोगों ने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया है, जबकि 2014-15 में केवल 1.3 करोड़ लोगों ने इनकम टैक्स का भुगतान किया था। कुल टैक्सपेयर्स, जिन्होंने रिटर्न फाइल किया, में से 54 फीसदी (1.7 करोड़) के ऊपर जीरो टैक्स देनदारी थी। 1.3 करोड़ इंडीविजुअल्स लोगों ने 2014-15 में टैक्स जमा किया। 1.1 करोड़ (85 फीसदी) लोगों ने 1.5 लाख रुपए प्रति वर्ष की दर से टैक्स दिया। केवल 3 ऐसे इंडीविजुअल्स हैं जिन्होंने 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का टैक्स दिया। देश में 63 कंपनियां ऐसी हैं, जिनकी टैक्स देनदारी 500 करोड़ रुपए प्रति वर्ष से अधिक है।
चार साल में जुड़े 80 लाख टैक्सदाता
सरकार ने बताया कि पिछले चार साल में (2011-12 से 2014-15) 80 लाख नए टैक्स दाता जुड़े हैं। मार्च 2015 के अंत तक देश में कुल टैक्सदाताओं की संख्या 5.16 करोड़ थी। सरकार ने बताया कि अधिकांश नए टैक्सदाता इंडीविजुअल्स श्रेणी के हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 2000-01 से 2014-15 के लिए पहली बार टाइम सिरीज डाटा को सार्वजनिक किया है। 2014-15 में इनकम टैक्स कलेक्शन में महाराष्ट्र सबसे आगे रहा।
महाराष्ट्र और दिल्ली से आता है कुल टैक्स का 53% हिस्सा
देश में कलेक्ट होने वाले कुल इनकम टैक्स का 53 फीसदी हिस्सा केवल दो राज्यों महाराष्ट्र (39.9 फीसदी) और दिल्ली (13.1 फीसदी) से आता है। 2014-15 में कुल टैक्स कलेक्शन में 39.9 फीसदी हिस्सेदारी के साथ महाराष्ट्र सबसे ऊपर है। इसके बाद दिल्ली (13.1 फीसदी), कर्नाटक (8.7 फीसदी) और तमिलनाडु (6.4 फीसदी) का नंबर आता है। 2008-09 से 2014-15 के बीच सिक्किम, मिजोरम, केरल, मध्य प्रदेश और नागालैंड इनकम टैक्स कलेक्शन की ग्रोथ के मामले में टॉप पांच राज्य हैं।
इनकम टैक्स से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
- भारत में केवल 10 लाख इनकम टैक्स असेसी ऐसे हैं, जिनकी सालाना आय 10 लाख रुपए से अधिक है।
- 2012-13 में केवल 20,000 असेसी ने 1 करोड़ से अधिक सालाना आय का खुलासा किया था। इस साल कुल 3.1 करोड़ रिटर्न फाइल हुए थे, जिसमें से 20 लाख लोग 5.5-9.5 लाख की टैक्स श्रेणी में थे।
- केवल तीन भारतीय सालाना 100 करोड़ रुपए से ज्यादा का इनकम टैक्स चुकाते हैं। 85 फीसदी टैक्सपेयर्स 1.5 लाख रुपए सालाना से कम टैक्स का भुगतान करते हैं।
- वित्त वर्ष 2014-15 में टैक्स असेसी की संख्या बढ़कर 5.16 करोड़ हो गई, जो वित्त वर्ष 2011-12 में 4.36 करोड़ थी।
- 2000-01 में कलेक्ट हुए कुल टैक्स में डायरेक्ट टैक्स की हिस्सेदारी 36.31 फीसदी थी, जिसका अनुपात 2015-16 में बढ़कर 51 फीसदी हो गया है।