नई दिल्ली। 1 जून यानी आज से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन, पैन कार्ड, आर्मी कैंटीन और पेट्रोल समेत कई नियम बदल गए हैं। नियमों में होने वाले बदलावों के बारे में जानना इसलिए जरूरी है ताकि इनसे जुड़ी हुई सुविधाओं का लाभ उठाने में आपको किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। ये नियम ऑनलाइन ट्रांजेक्शन, पैन कार्ड, आर्मी कैंटीन और पेट्रोल से जुड़े हैं, जो आपके लिए जानना बेहद जरूरी है।
बढ़ा ऑनलाइन ट्रांजेक्शन का समय
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आम आदमी को राहत देते हुए आरटीजीएस के जरिए पैसे भेजने का समय डेढ घंटे बढ़ाकर शाम 6 बजे तक कर दिया है। फिलहाल आरटीजीएस के जरिए शाम साढ़े चार बजे तक ही मनी ट्रांसफर की सुविधा है। आरबीआई ने अधिसूचना में कहा कि उसने आरटीजीएस में ग्राहक लेनदेन के लिए समय को शाम साढ़े चार बजे से बढ़ाकर 6 बजे करने का फैसला किया है। आरटीजीएस के तहत यह सुविधा एक जून से मिलेगी। आरटीजीएस का उपयोग मुख्यत: बड़ी राशि के हस्तांतरण के लिए होता है। इसके तहत न्यूनतम 2 लाख रुपए भेजे जा सकते हैं और अधिकतम राशि भेजने की कोई सीमा नहीं है।
31 मई से पहले कर लें पैन कार्ड का आवेदन, नहीं तो लगेगा जुर्माना
एक साल में 2.5 लाख रुपए से ज्यादा का वित्तीय ट्रांजेक्शन करने वाले सभी व्यक्तिगत और गैर व्यक्तिगत श्रेणी (Non-individual entities) को 31 मई से पहले पैन कार्ड का आवेदन करना होगा। आयकर विभाग ने पहले से ही इसके लिए समय-सीमा को जारी कर दिया था। ऐसा नहीं करने पर विभाग ने जुर्माने का प्रावधान भी किया है। अगर ऐसा नहीं किया गया, तो सीबीडीटी ऐसी कंपनियों व व्यक्तियों पर 10 हजार रुपए का जुर्माना लगेगा। आयकर कानून के सेक्शन 139ए के मुताबिक पिछले वित्त वर्ष में किसी कंपनी, ट्रस्ट, एलएलपी, हिंदु अविभाजित परिवार (एचयूएफ) आदि हैं, जो भारत में बिना पैन कार्ड के कारोबार कर रही हैं एवं जिनका वार्षिक टर्नओवर 2.5 लाख रुपए से ज्यादा का है उनको पैन कार्ड के लिए आवेदन करना होगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने 5 दिसंबर 2018 को इस बारे में नोटिफिकेशन जारी किया था। इस नोटिफिकेशन में 31 मई आखिरी तारीख रखी गई थी। नोटिफिकेशन के मुताबिक इन कंपनियों, ट्रस्ट आदि के निदेशक, पार्टनर, ट्रस्टी, संस्थापक, कर्ता और सीईओ के पास अगर पैन कार्ड नहीं है, तो उन्हें भी इसके लिए आवेदन करना होगा। आईटीआर नहीं भरने वाली कंपनियों को पैन कार्ड के लिए आवेदन करना होगा।
अब आर्मी कैंटीन से नहीं खरीद पाएंगे सस्ती कारें
सेना की कैंटीनों में बाजार भाव से सस्ते दामों पर सामान मिलता है, यही वजह है कि इसका दुरुपयोग भी होता है। कारों की बात की जाए तो सेना की सीएसडी (CSD) कैंटीन्स से कार खरीदने पर सैन्य अधिकारियों और वहां काम करने वाले सिविलियन्य को कार खरीदने पर मार्केट प्राइस की तुलना में 75,000 रुपए तक की बचत हो जाती है। लेकिन अब ऐसा नहीं हो पाएगा। अब सैन्य अधिकारी सीएसडी कैंटीन्स से सस्ते दामों पर कारें नहीं खरीद पाएंगे। इसके लिए सेना 1 जून से नया नियम लागू करने जा रहे हैं। व्हीकल्स पर सीएसडी CSD कैंटीन के खर्च को कम करने के लिए सेना ने नया नियम प्रस्तावित किया है, जिसके तहत सैन्य अधिकारी 12 लाख तक का वाहन (जीएसटी हटाकर) कैंटीन से खरीद सकेंगे। 1 जून से लागू होने वाले इस नियम के तहत अधिकारी हर 8 साल में एक ही बार कार खरीद सकेंगे और उसमें भी कार के इंजन की क्षमता 2500 सीसी से अधिक नहीं होनी चाहिए। इस नए नियम के अनुसार सेना के जवान अपनी सेवा के दौरान सिर्फ एक बार कार खरीद सकेंगे और रिटायरमेंट के बाद जीएसटी मिलाकर 6.5 लाख रुपये तक की कार खरीद पाएंगे।
बिना हेलमेट के नहीं मिलेगा पेट्रोल
उत्तर प्रदेश के नोएडा और ग्रेटर नोएडा में वाहन दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है। जिला प्रशासन ने यह निर्णय लिया है कि 31 मई के बाद जनपद के किसी भी पेट्रोल पंप पर बिना हेलमेट पहन कर आए दोपहिया वाहन चालकों को पेट्रोल नहीं दिया जाएगा। जिलाधिकारी बृजेश नारायण सिंह ने जनपद के सभी पेट्रोल पंप डीलर्स के साथ एक बैठक की थी जिसके बाद ये आदेश दिया गया कि वे एक जून से इस निर्णय का सख्ती से पालन करें। उन्होंने बताया कि इस तरह हेलमेट न लगाना आईपीसी की धारा 188 के अंतर्गत भी एक अपराध है, जिसमें 6 माह तक की कैद हो सकती है। जिलाधिकारी ने बताया कि पेट्रोल पंप डीलरों को आदेश दिया है कि वे अपने पेट्रोल पंप पर सीसीटीवी कैमरे लगवाएं ताकि बिना हेलमेट पहने तेल डलवाने के लिए पहुंचने वाले लोगों को कैमरे में कैद किया जा सके।