एसोचैम के महासचिव डीएस रावत ने अध्ययन के हवाले से बताया कि आने वाले त्यौहारों के दौरान देश में ऑनलाइन शॉपिंग का कारोबार 25 हजार करोड़ रुपए के स्तर को छू सकता है, जो खुद में एक रिकॉर्ड होगा।
- पितृपक्ष के दौरान ज्यादातर लोगों ने कोई नई चीज खरीदने से परहेज किया था, लिहाजा अब त्यौहार नजदीक आने के मद्देनजर संभावना है कि वे दिल खोलकर खरीदारी करेंगे।
- ई-कॉमर्स कंपनियों को इसका बड़ा फायदा मिल सकता है।
- एसोचैम ने लखनऊ, अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, इंदौर, जयपुर, कोलकाता तथा मुंबई में लोगों से आगामी त्यौहारी सत्र में ऑनलाइन शॉपिंग को लेकर उनकी योजनाओं के बारे में जानकारी एकत्र की थी।
- करीब 60 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि उनका खरीदारी करने का पूरा इरादा है और वे दुकानों और शोरूम में जाने के बजाय ऑनलाइन शॉपिंग करना ज्यादा पसंद करेंगे।
ऑनलाइन शॉपिंग क्यों है पहली पसंद
- ज्यादातर लोगों ने बताया कि खरीदारी में आसानी, अनेक विकल्पों की उपलब्धता, भुगतान के विभिन्न तरीकों, बेहतर ऑफर तथा ऐसे ही कई अन्य कारणों से वे ऑनलाइन शॉपिंग को बेहतर मानते हैं।
- रिकॉर्ड संख्या में ऑर्डर मिलने की संभावना के मद्देनजर ई-कॉमर्स कंपनियों ने भी लुभावने मौकों की झड़ी लगा दी है।
- इनमें बड़ी छूट, कैशबैक योजना, मुफ्त शिपिंग और बगैर ब्याज के ईएमआई शामिल है।
ई-कॉमस कंपनियां न दोहराएं पुरानी गलतियां
- शोध, विश्लेषण तथा डिजिटल इंटेलिजेंस सेवाओं के विशेषज्ञों का कहना है कि ई-कॉमर्स कंपनियों को अतीत से सबक लेते हुए ग्राहकों की बाढ़ के लिए तैयार रहना होगा।
- इसके लिए समय पर सुपुर्दगी सुनिश्चित करने के साथ-साथ एक के बजाये दूसरा सामान भेजने से बचना होगा, वरना त्यौहारी सत्र उनके लिए बदनामी का सबब भी बन सकता है।