नई दिल्ली। प्याज की कीमतें एक बार फिर आपके आंसू निकाल सकते हैं। त्योहारी सीजन शुरू होते ही प्याज की कीमतों में भी बढ़ोत्तरी शुरू हो गई है। एशिया की सबसे बड़ी प्याज मंडी लासलगांव में पिछले 10 दिनों के दौरान कीमतें 7 रुपए प्रति किलो तक चढ़ गई है। दरअसल, पुराना स्टॉक खत्म होने और इस साल खरीफ की नई फसल 25-30 फीसदी कम रहने के अनुमान के चलते प्याज की सप्लाई घटी है। गौरतलब है कि अगस्त में प्याज का भाव 57 रुपए किलो के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया था। Indepth: देश की जरूरत से ज्यादा होता है प्याज का प्रोडक्शन, फिर क्यों 250% तक चढ़े दाम?
फिर आंसू निकालेगी प्याज?
महाराष्ट्र के लासलगांव में अगस्त में प्याज का भाव 57 रुपए प्रति किलो पहुंच गई थी, लेकिन केन्द्र द्वारा कई उपाय किए जाने से कीमतों में नरमी आने लगी थी। 16 अक्तूबर को प्याज का भाव 25 रुपए किलो के स्तर तक आ गया। लेकिन, पिछले एक सप्ताह में कीमतें फिर से बढ़ने लगी हैं और यह 30 रुपए प्रति किलो के पार पहुंच गईं है। नेशनल होर्टिकल्चरल रिसर्च एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन (एनएचआरडीएफ) के आंकड़ों के मुताबिक, वर्तमान में लासलगांव में प्याज 32 रुपए प्रति किलो है। Re-Think: प्याज की कीमत घटाने के लिए आयात नहीं सिस्टम सुधारने की जरूरत!
अधिकारी ने कहा कीमतों में तेजी सामान्य बात
दिल्ली और अन्य मंडियों में भी प्याज के थोक भाव में इसी तरह की तेजी का रख दर्ज किया गया है। नासिक स्थित एनएचआरडीएफ के निदेशक आर.पी. गुप्ता ने बताया, यह सामान्य रूख है। प्याज का औसत थोक भाव करीब 30 रुपए किलो है। एक समय आवक घटने पर कीमतें चढ़ जाती हैं, लेकिन आवक बढ़ने पर कीमतें घट जाती हैं। हमने दरों पर पैनी नजर रखी है। गुप्ता ने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि आने वाले दिनों में महाराष्ट्र, गुजरात और राजस्थान से खरीफ की नई फसल आने का अनुमान है।