नई दिल्ली। आवश्यक जिंसों की कीमतों की समीक्षा करने के बाद सरकार ने कहा कि प्याज की कीमतों में तेजी थम गई है और अब गर्मियों में रोपी गई प्याज की फसल की आवक शुरू होने के साथ इसकी कीमतों में नरमी का रुख दिख रहा है। प्याज और टमाटर की खुदरा कीमतें आपूर्ति की कमी के कारण दिल्ली-एनसीआर के बाजार में महंगे बने हुए हैं। पिछले हफ्ते टमाटर के दाम 80 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए थे, जबकि प्याज की कीमत 60 रुपए प्रति किलोग्राम थी।
दलहन, प्याज, टमाटर और तिलहन जैसे आवश्यक खाद्य पदार्थों के संबंध में कार्टेलाइजेशन (व्यापरी समूहों की परस्पर गुटबंदी), जमाखोरी, सट्टा व्यापार आदि की निगरानी के लिए गठित समूह की 18 वीं बैठक यहां उपभोक्ता मामलों के विभाग के सचिव, अविनाश के श्रीवास्तव की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में कृषि मंत्रालय, खुफिया ब्यूरो, दिल्ली पुलिस, नाफेड, डीजीएफटी, विदेश मंत्रालय, दिल्ली सरकार के प्रतिनिधि शामिल हुए।
इन एजेंसियों के प्रतिनिधियों ने इस समूह को आवश्यक खाद्य जिंसों के संदर्भ में मौजूदा परिदृश्य के बारे में जानकारी दी। प्रतिनिधियों ने सूचित किया कि खरीफ प्याज की आवक शुरू हो गई है और कीमतों में स्थिरता के साथ गिरावट का रुख है। समूह ने निर्णय लिया कि देश भर में दालों की उपलब्धता बढ़ाने के लिए उचित समय पर उचित नीतिगत हस्तक्षेप करने की सिफारिश की जा सकती है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सभी मुख्य सचिवों को सलाह दी जाएगी कि वे राज्य और जिला स्तर पर विशेष रूप से त्यौहारों के मौसम यानी दिसंबर, 2019 तक, प्याज, दालों, खाद्य तेलों और तिलहन आदि के थोक व्यापारियों, व्यापारियों, आयातकों, निर्यातकों के साथ नियमित बैठक करें। इसमें कहा गया कि एनसीआर राज्यों की पुलिस की समिति को दिल्ली की राज्य सीमाओं के पास व्यापारियों द्वारा स्टॉक की जमाखोरी पर नज़र रखने और उनके खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई करने के लिए दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी की अध्यक्षता में नियमित बैठकें करनी चाहिए।