बेंगलुरू। प्याज के लगातार बढ़ते दामों ने देश के आम लोगों के खाने का जायका और बजट दोनों ही बिगाड़ दिया है। केंद्र सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी प्याज के दाम कम नहीं हो पा रहे हैं। देश के कई हिस्सों में प्याज 200 रुपए किलो तक बिक रहा है, जिसके चलते प्याज आम लोगों की पहुंच से दूर होता जा रहा है। दक्षिण भारत के तमिलनाडु में भी प्याज की कीमतें 200 रुपए के करीब पहुंच गई हैं। बेंगलुरू में शनिवार को प्याज की कीमत 200 रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई। तमिलनाडु के मदुरई में इन दिनों प्याज 200 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बेचा जा रहा है। महाराष्ट्र के सोलापुर बाजार में प्याज की कीमत 200 रुपए प्रति किलो के पार निकल गई हैं।
एक अधिकारी ने शनिवार को कहा कि बाजार में कम आपूर्ति के कारण प्याज के दामों में बढ़ोतरी होती जा रही है। प्याज व्यापारी मूर्ति की मानें तो जो ग्राहक पहले 5 किलो प्याज खरीदते थे, वे अब सिर्फ 1 किलो प्याज खरीद रहे हैं। वहीं एक गृहिणी जया शुभा का कहना है कि वो हर हफ्ते सिर्फ प्याज खरीदने पर 350-400 रुपए खर्च कर रही हैं।
कर्नाटक के कृषि विपणन अधिकारी सिद्दांगैया का कहना है कि प्याज की कीमत बेंगलुरू की कुछ खुदरा दुकानों में 200 रुपये प्रति कि. ग्रा. के स्तर को छू गई है। इसकी थोक दर 5,500 रुपये से 14,000 रुपये प्रति क्विंटल के बीच है। बढ़ते दामों के बाद रसोई में आमतौर पर सबसे अधिक प्रयोग होने वाला प्याज अब लोगों की थाली से गायब होने लगा है।
सिद्दांगैया के अनुसार, प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं और प्याज की कमी जनवरी के बीच तक रहने की उम्मीद है। भारत को वार्षिक 150 लाख मीट्रिक टन प्याज की आवश्यकता है। कर्नाटक में 20.19 लाख मीट्रिक टन प्याज का उत्पादन होता है। उत्पादन व फसल पकने के बाद हुए नुकसान को देखा जाए तो इस बार लगभग 50 फीसदी प्याज बर्बाद हो गया है।
नवंबर में कर्नाटक के बाजारों में एक दिन में 60-70 क्विंटल प्याज प्राप्त हुआ, जो दिसंबर में 50 फीसदी तक नीचे आ गया। इसकी वजह से संकट पैदा हो गया है। प्याज की उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य से कृषि उपज मंडी समिति (एपीएमसी) ने एक परिपत्र जारी किया है कि प्याज का व्यापार छुट्टियों के दिनों में भी होना चाहिए। सिद्दांगैया ने कहा, "थोक और खुदरा विक्रेताओं के पास बहुत ज्यादा स्टॉक नहीं बचा है। आश्चर्यजनक रूप से कर्नाटक में प्याज भंडारण सुविधाएं अच्छी नहीं हैं।" इस बीच कर्नाटक के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने जमाखोरों पर नकेल कसने के लिए छापेमारी शुरू कर दी है।
गौरतलब है कि प्याज की बढ़ी कीमतों को लेकर सरकार हर संभव कदम उठा रही है लेकिन आम आदमी को फिलहाल कोई राहत नहीं मिल रही है। बाजार के जानकारों का कहना है कि अभी प्याज की कीमतों में राहत मिलने के आसार दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहे हैं। इसका मतलब यह है कि लोगों को महंगे दाम पर ही प्याज खरीदने होंगे, जब तक कि इसकी कीमतों में गिरावट नहीं आती है।