नई दिल्ली। देश के कुछ भागों में प्याज की खुदरा कीमतें 50 से 60 रुपए प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गई हैं। इस बीच सरकार का कहना है कि ऐसा मांग-आपूर्ति में तात्कालिक अंतर के कारण है और खरीफ सीजन का प्याज बाजार में आने के साथ इस महीने के अंत तक इसके भाव कम हो जाएंगे।
दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में प्याज 50 रुपए किलो के आपपास बिक रहा है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार चेन्नई में भाव 45 रुपए है। छोटे कस्बों में भी प्याज का यही मिजाज है। कृषि सचिव एस के पटनायक ने कहा कि यह थोड़े समय का मामला है। व्यापारी आपूर्ति में थोड़े समय की घट-बढ़ का लाभ ले रहे हैं। लेकिन बुनियाद मजबूत है।
उन्होंने कहा कि फसल वर्ष 2017- 18 (जुलाई से जून) में प्याज पैदावार कुछ कम होने का अनुमान है लेकिन प्याज का कुल उत्पादन घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त होगा। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार रकबा घटने से फसल वर्ष 2017-18 में प्याज का उत्पादन 4.5 प्रतिशत घटकर 2.14 करोड़ टन रहने का अनुमान है। पिछले वर्ष उत्पादन 2.24 करोड़ टन था। पटनायक ने कहा कि आने वाले दिनों में प्याज की आवक बढ़ने के साथ प्याज की कीमतों में सुधार होगा।
नासिक स्थित राष्ट्रीय बागवानी शोध एवं विकास फाउंडेशन (एनएचआरडीएफ) के कार्यकारी निदेशक पी के गुप्ता ने कहा कि मौजूदा समय में खरीफ प्याज की आवक कम है। महीने के अंत तक आवक में सुधार होने की उम्मीद है और उसी के अनुरूप कीमतों में भी सुधार होगा। उन्होंने कहा कि प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में बुवाई अवधि के दौरान कम बरसात होने के कारण बुवाई के रकबे में 20 से 25 प्रतिशत की कमी रहने की वजह से खरीफ प्याज उत्पादन कम रहने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि एक बार खरीफ प्याज की आवक और बाद में रबी प्याज की फसल के बाजार में उतरने के बाद खुदरा कीमतों में स्वत: ही सुधार होगा।