नई दिल्ली। देश में लगातार प्याज के बढ़ते दामों को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। प्याज की बढ़ती कीमतों ने गृहणियों के आंसू निकाल दिए हैं। जहां सरकार प्याज की कीमतों को लेकर बड़े कदम उठा रही हैं वहीं साल के साल की आखिरी महीने दिसंबर में देश के कुछ हिस्सों में प्याज की कीमतें 140 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई हैं।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, साउथ जोन के पोर्ट ब्लेयर में पिछले दो दिनों से प्याज की कीमतें 140 रुपए प्रति किलो पर बनी हुई हैं। वहीं मायाबूंदर में भी प्याज 120 रुपए प्रति किलो की दर से बिक रहा है। मंगलोर और वेल्लोर में भी प्याज की कीमत 109 रुपए प्रति किलो हैं।
सेंट्रल नार्थ जोन की बात की जाए तो यहां के चंडीगढ़ में प्याज पिछले दो दिनों में 28 रुपए की उछाल के साथ 100 रुपए प्रति किलो की दर से मिल रहा है। देहरादून में 95, धर्मशाला में 80, मुंबई में 98, नागपुर में 78 रुपए प्रति किलो की दर से प्याज बिक रहा है।
नार्थ ईस्ट जोन के ईटानगर, इम्फाल और गंगटोक में प्याज 100 रुपए प्रति किलो की दर से बिक रहा है। बता दें कि देश में प्याज की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं जिसको लेकर केंद्र सरकार बड़े कदम उठा रही है।
केंद्र ने राज्यों को प्याज की जमाखोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को कहा
प्याज की आसमान छूती कीमतों के बीच केंद्र ने राज्य सरकारों से प्याज की जमाखोरी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और प्याज का बफर स्टॉक बनाने को कहा है। इसके साथ ही राज्य सरकारों से आयातित प्याज को उचित दरों पर वित्तरित करने को भी कहा है।
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने देश भर में प्याज की बढ़ती कीमतों के मुद्दे पर समीक्षा के लिए सोमवार को सचिवों की समिति की बैठक की अध्यक्षता की। प्रमुख शहरों में प्याज 75 से 100 रुपए किलो में बिक रहा है। इस बीच, महाराष्ट्र में कलवान कृषि उत्पाद विपणन समिति में हुई नीलामी में प्याज का भाव बढ़कर 11,000 रुपए प्रति क्विंटल तक बोला गया।
गौबा को 11 बड़े प्याज उत्पादक राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्या ज की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दी गई। बयान में कहा गया है कि कैबिनेट सचिव ने राज्यों को उचित बफर स्टॉक बनाए रखने, कारोबारियों पर भंडारण सीमा लगाने और जमाखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस बैठक में महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के मुख्य सचिवों ने भाग लिया।