नई दिल्ली। इस साल देश में प्याज का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर पर होने का अनुमान है, जिसकी वजह से इस बार ज्यादा कीमतों की वजह से उपभोक्ताओं के आंसू नहीं निकलेंगे। सरकार की शोध संस्था राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास संगठन (एनएचआरडीएफ) ने कहा है कि भारत का प्याज उत्पादन फसल वर्ष 2015-16 (जुलाई से जून) में 203 लाख टन के नए रिकॉर्ड स्तर को छूने का अनुमान है, क्योंकि अनुकूल मौसम और बेहतर मूल्य के कारण प्याज के रकबे और फसल की उपज में वृद्धि हुई है।
कमजोर बारिश के कारण देश का प्याज उत्पादन घटकर फसल वर्ष 2014-15 (जुलाई से जून) में 189.2 लाख टन रह गया था। उत्पादन का पिछला रिकॉर्ड स्तर 1.94 करोड़ टन है, जो 2013-14 में हासिल हुआ था। एनएचआरडीएफ के निदेशक आरपी गुप्ता ने कहा कि इस वर्ष प्याज का उत्पादन रिकॉर्ड 203 लाख टन होने जा रहा है। खरीफ (गरमी) सत्र के दौरान बेहतर मूल्य ने किसानों को रबी (जाड़े) सत्र में प्याज खेती के दायरे में अधिक रकबे को लाने के लिए प्रोत्साहित किया।
उन्होंने कहा कि अनुकूल मौसम स्थिति ने भी रबी फसल की संभावना को प्रोत्साहित किया है और उपज पिछले साल के मुकाबले बेहतर रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि पिछले साल के विपरीत इस बार कोई बेमौसम बरसात नहीं हुई न ही इस बार ओलावृष्टि हुई। इस बार प्याज की खेती 12 लाख हेक्टेयर में की गई है, जो पिछले साल के 11.73 लाख हेक्टेयर से मामूली अधिक है।