नई दिल्ली। प्याज के कम भाव की मार झेल रहे किसानों को आने वाले दिनों में और भी परेशानी का सामाना करना पड़ सकता है, प्याज के निर्यात में भारी गिरावट देखी जा रही है जिस वजह से घरेलू स्तर पर सप्लाई बढ़ेगी और इससे प्याज की कीमतों में और भी कमी आ सकती है जो किसानों की परेशानी को और भी ज्यादा बढ़ा सकती है।
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मार्च में खत्म हुए वित्तवर्ष 2017-18 के पहले 10 महीने यानि अप्रैल 2017 से जनवरी 2018 के दौरान देश से प्याज निर्यात में 25 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है, इस दौरान देश से सिर्फ 20.34 लाख टन प्याज का निर्यात हो पाया है जबकि वित्तवर्ष 2016-17 में इस दौरान 27.20 लाख टन प्याज का निर्यात हो चुका था।
हालांकि इस साल प्याज की फसल पिछले साल से कुछ कम होने का अनुमान है जिससे लंबी अवधि में प्याज के भाव को सहारा मिल सकता है, केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक इस साल देश में कुल 214.02 लाख टन प्याज पैदा होने का अनुमान है जबकि पिछले साल देश में 224.27 लाख टन प्याज का उत्पादन हुआ था।
भाव की बात करें तो देश की प्रमुख प्याज मंडी महाराष्ट्र के लासलगांव में इसका भाव करीब 8 महीने के निचले स्तर तक आ चुका है, इस हफ्ते लासलगांव में प्याज का औसत भाव 681-682 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किया गया है जो जुलाई 2017 के बाद सबसे कम भाव है।