ओवीएल, ओएनजीसी की विदेश इकाई है। ओवीएल की दुनिया भर में 17 देशों में 37 तेल एवं गैस परियोजनाओं में भागीदारी है। यह भागीदारी विभिन्न अनुषंगियों, इकाइयों व संयुक्त उद्यमों के जरिए है। सूत्रों के अनुसार सर्विस टैक्स विभाग का कहना है कि विदेशी इकाइयां ओवीएल को सेवा दे रही हैं इसिलए कंपनी को पूरी दर से सर्विस टैक्स का भुगतान करना होगा।
विभाग ने 11 अक्टूबर 2011 को ओवीएल को डिमांड व कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा थ कि उस पर 2816.31 करोड़ रुपए मय ब्याज व जुर्माने का सर्विस टैक्स क्यों नहीं लगाया जाए। इसके बाद पांच और डिमांड व कारण बताओ नोटिस जारी किए गए। ओवीएल ने इस बारे में विभाग के तर्कों का खंडन करते हुए टैक्स मांग को कानूनी चुनौती दी है। उल्लेखनीय है कि 2015-16 में ओवीएल को 12,772 करोड़ रुपए के कारोबार पर 2,093.5 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था।