मुंबई। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) ने आज कहा कि वह देश की दूसरी सबसे बड़ी तेल विपणन कंपनी हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) में सरकार की पूरी 51.11 प्रतिशत हिस्सेदारी 36,915 करोड़ रुपए में खरीदेगी। ओएनजीसी सरकार को 473.97 रुपए प्रति शेयर की दर से भुगतान करेगी। ओएनजीसी ने शेयर बाजार को बताया कि शेयरों को नगद खरीदा जाएगा और महीने के अंत से पहले सौदा पूरा कर लिया जाएगा।
बंबई शेयर बाजार में एचपीसीएल का शेयर कल 416.55 रुपए पर बंद हुआ, जो पिछले दिन से 1.34 प्रतिशत अधिक था। ओएनजीसी का शेयर 0.23 प्रतिशत गिर कर 193.60 रुपए पर था। इस सौदे से सरकार वित्त वर्ष 2017-18 के अपने विनिवेश लक्ष्य 72,500 का आधा हिस्सा पूरा कर लेगी। एक बयान में कहा गया है कि शनिवार को भारत सरकार ने ओएनजीसी के साथ एचपीसीएल में 51.11 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री का समझौता किया है। बजट घोषणा के अनुसार ओएनजीसी ने एचपीसीएल में सरकार की मौजूदा हिस्सेदारी का अधिग्रहण करने का प्रस्ताव दिया था।
पिछले साल जुलाई में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को अपनी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में शनिवार को हुई एक वैकल्पिक रास्ते के जरिये एचपीसीएल में सरकार की हिस्सेदारी बेचने के लिए मूल्य तय किया गया और इस सौदे की शर्तों और नियमों को मंजूरी दी गई। इस अधिग्रहण के जरिये ओएनजीसी देश की पहली वर्टीकर्ली इंटीग्रेटेड ऑयल कंपनी बन जाएगी, जिसकी उपस्थिति संपूर्ण वैल्यू चेन में होगी। एचपीसीएल आगे भी एक सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज (सीपीएसई) बनी रहेगी।