नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) ने अपने केजी बेसिन फील्ड से उत्पादित गैस पर उपयोगकर्ताओं से मार्केटिंग मार्जिन नहीं लेने को लेकर सहमति जतायी है लेकिन न्यूनतम दर को कम करने से इनकार कर दिया है। कंपनी के निविदा दस्तावेज से यह जानकारी मिली है। देश की शीर्ष तेल एवं गैस उत्पादक कंपनी ओएनजीसी ने पिछले महीने केजी डीडब्ल्यूएन 98/2 ब्लॉक (केजी-डी5) से उत्पादित शुरूआती 20 लाख घन मीटर प्रतिदिन गैस बेचने को लेकर बोलियां मंगायी थी। कंपनी ने बोलीदाताओं से मौजूदा ब्रेंट क्रूड तेल की बाजार कीमत को सामने रख कर बोली लगाने को कहा था। उसने बोली के लिए न्यूनतम दर ब्रेंट क्रूड के तीन महीने के औसत मूल्य का 10.5 प्रतिशत रखा है। उसके ऊपर उसने प्रति इकाई (10 लाख ब्रिटिश थर्मल यूनिट) 0.20 डॉलर की मार्जिन की मांग भी रखी है।
हालांकि संभावित बोलीदाताओं ने मार्केटिंग मार्जिन के साथ न्यूनतम मूल्य को ऊंचा बताते हुए उसका विरोध किया। जवाब में ओएनजीसी ने कहा है कि न्यूनतम मूल्य को तो नहीं बदला जा सकता लेकिन मार्केटिंग मार्जिन को हटाया जा रहा है। कंपनी के अनुसार, ‘‘कंपनी आरक्षित गैस मूल्य (न्यूनतम दर) में बदलाव को लेकर सहमत नहीं है। हालांकि विभिन्न बोलीदाताओं के अनुरोध पर विचार करते हुए, अनुबंध मूल्य के ऊपर मार्केटिंग मार्जिन शुल्क 0.20 डॉलर प्रति यूनिट को हटाया जा रहा है।’’ मौजूदा ब्रेंट क्रूड तेल की कीमत 70 डॉलर के करीब है। इस हिसाब से बोली के लिए गैस का न्यूनतम मूल्य 7.3 डॉलर प्रति यूनिट बैठेगा। हालांकि कीमत सरकार द्वारा हर छह महीने में गहरे समुद्री क्षेत्र में स्थित फील्डों के लिये निर्धारित उच्चतम सीमा पर निर्भर करेगी। एक अप्रैल से छह महीने के लिये सीमा 3.62 डॉलर प्रति यूनिट है। इसका मतलब है कि बोलीदाता 7 डॉलर प्रति यूनिट की पेशेकश कर गैस ले सकते हैं लेकिन खरीदारों को उच्चतम सीमा 3.62 डॉलर प्रति यूनिट से अधिक नहीं देना होगा। ओएनजीसी ने निविदा में आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले में ओदालारेवू स्थित फील्ड से उत्पादित 20 लाख घन मीटर प्रतिदिन गैस बिक्री के लिये बोलियां मंगायी है। यह बिक्री तीन से पांच साल के लिये की जाएगी। यह क्षेत्र सार्वजनिक क्षेत्र की गेल के केजी बेसिन पाइपलाइन नेटवर्क के साथ पीआईएल के ईस्ट-वेस्ट पाइपलाइन से जुड़ा है। यह केजी बेसिन नेटवर्क के साथ-साथ गुजरात गैस ग्रिड से भी जुड़ा है।
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