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नई दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) को इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) और गेल में अपनी हिस्सेदारी बेचने की कोई जल्दबाजी नहीं है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम शेयरों की बिक्री के लिए सही कीमत मिलने का इंतजार करेंगे। ओएनजीसी की आईओसी में 13.77 प्रतिशत और गेल इंडिया में 4.86 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
अधिकारी ने कहा कि ये सच है कि अब हम पूरी तरह एकीकृत कंपनी हैं। हम देश के सबसे बड़े तेल और गैस उत्पादक हैं। एचपीसीएल के अधिग्रहण से हमारी मौजूदगी का दायरा और व्यापक हुआ है। उन्होंने कहा कि इसलिए ओएनजीसी के लिए इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन की हिस्सेदारी रखने का कोई मतलब नही हैं। हालांकि, हम सही कीमत मिलने का इंतजार करेंगे।
उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2017-18 में ओएनजीसी को आईओसी तथा गेल में अपने निवेश पर करीब 3,000 करोड़ रुपए की लाभांश आय हुई है। अधिकारी ने आगे कहा कि यह अच्छी लाभांश आय है और इससे हमें शेयरों को लंबे समय तक अपने पास रखने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि हमें शेयरों को बेचने की कोई जल्दी नहीं है। हम सही कीमत मिलने का इंतजार करेंगे।
ओएनजीसी की आईओसी में 20,500 करोड़ रुपए से अधिक की 13.77 प्रतिशत हिस्सेदारी है। यह कीमत बंबई शेयर बाजार में सोमवार को कंपनी के शेयर मूल्य 153.80 रुपए प्रति शेयर के भाव पर है। इसी प्रकार गेल में कंपनी की 4,200 करोड़ रुपए की 4.86 प्रतिशत हिस्सेदारी है। सोमवार को गेल का शेयर मूल्य 380.75 रुपए प्रति शेयर पर था।
अधिकारी ने कहा कि जनवरी में इंडियन ऑयल के शेयर का दाम 195 रुपए प्रति शेयर था, जोकि अब 153- 154 रुपए प्रति शेयर पर चल रहा है। ऐसे में इतने घाटे पर शेयर बेचना बुद्धिमानी नहीं होगी।