नयी दिल्ली। ओएनजीसी, इंडियन आयल कॉरपोरेशन (आईओसी) तथा अन्य सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियां अगले वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान 98,521 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी। सरकारी पेट्रोलियम कंपनियां तेल एवं गैस खोज, रिफाइनरी, पेट्रोरसायन और पाइपलाइन बिछाने पर यह निवेश करेंगी ताकि दुनिया ऊर्जा खपत के मामले में सबसे तेजी से आगे बढ़ते देश की जरूरत को पूरा किया जा सके। बजट दस्तावेजों के अनुसार पेट्रोलियम कंपनियां अगले वित्त वर्ष में चालू वित्त वर्ष की तुलना में करीब चार प्रतिशत अधिक निवेश करेंगी। चालू वित्त वर्ष में उनका निवेश 94,974 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
ऑयल एंड नैचुरल गैस कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) का अगले वित्त वर्ष में निवेश 19 प्रतिशत बढ़कर 32,501 करोड़ रुपए रहेगा। ओएनजीसी की विदेश इकाई ओएनजीसी विदेश लि. ओवीएल देश के बाहर तेल एवं गैस परिचालन पर 7,235 करोड़ रुपए का निवेश करेगी। यह चालू वित्त वर्ष की तुलना में करीब 10 प्रतिशत अधिक है। देश की सबसे बड़ी तेल रिफाइनरी कंपनी इंडियन आयल कॉरपोरेशन (आईओसी) का निवेश 17.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 26,233 करोड़ रुपए रहेगा।
निजीकरण की ओर अग्रसर भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) ने अगले वित्त वर्ष में 9,000 करोड़ रुपए के पूंजीगत व्यय का प्रस्ताव किया है। यह चालू वित्त वर्ष की तुलना में एक प्रतिशत अधिक है। गैस कंपनी गेल इंडिया लिमिटेड का निवेश 5,412 करोड़ रुपए रहेगा। हालांकि, चालू वित्त वर्ष की तुलना में बहुत अधिक नहीं है। ओएनजीसी की अनुषंगी हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचपीसीएल) 2020-21 में 11,500 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। देश की दूसरी सबसे बड़ी पेट्रोलियम उत्पादक कंपनी आयल इंडिया लिमिटेड (ओआईएल) अगले वित्त वर्ष में 3,877 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। चालू वित्त वर्ष में उसका निवेश 3,675 करोड़ रुपए रहने का अनुमान।